मुख्य सचिव ने अधिकारियों को “राइज़िंग राजस्थान 2025” के लिए दिए निर्देश
14 जून, 2025 जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा निवेशकों को शीघ्र भूमि उपलब्ध कराने के निर्देशों का अनुपालन करते हुए, राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक ‘राइज़िंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के दौरान किए गए एमओयू की भूमि उपलब्धता प्रक्रिया को सरल एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आयोजित की गई। मुख्यमंत्री द्वारा 11 जून को आयोजित समीक्षा बैठक में इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव पंत ने भूमि आवंटन विभागों को राज्य में विभिन्न प्रकार की उत्पादन एवं निर्माण इकाइयों के लिए वास्तविक भूमि आवश्यकता निर्धारित करने हेतु मापदंडों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। इस संदर्भ में, राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (रीको) द्वारा भूमि के प्लॉट का आवशयकता को निर्धारित करने की बेस्ट प्रैक्टिसेज एवं मापदंडों पर एक प्रस्तुति दी गई। इस प्रक्रिया में रीको द्वारा उपयोग किए गए मुख्य मापदंडों में निर्माण किया जाने वाला उत्पाद, भविष्य की विस्तार योजनाएँ, संभावित रोजगार सृजन, परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता, सुरक्षा एवं एहतियाती आवश्यकताएँ, और इन्वेंट्री की ज़रूरतें आदि शामिल हैं।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने रीको द्वारा विकसित इन वैज्ञानिक रूप से निर्धारित मापदंडों की सराहना करते हुए कहा, “रीको द्वारा वर्षों से लगातार परिष्कृत किए गए मापदंड अन्य विभागों—जैसे राजस्व, नगरीय विकास आदि—के लिए भी आधार बन सकते हैं। अधिकारियों को निवेशकों के साथ सतत संवाद बनाए रखना चाहिए और मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए बड़े लैंड पार्सल की मांगों पर विशेष मामलों के रूप में विचार करना चाहिए।”
इस बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा, राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार, पर्यटन विभाग के शासन सचिव रवि जैन, नागरिक उड्डयन विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगा राम , रीको की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार सहित राजस्थान सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में 9-11 दिसंबर 2024 को आयोजित ‘राइज़िंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में ₹35 लाख करोड़ के रिकॉर्ड एमओयू का आदान-प्रदान किया गया था। इस वर्ष मार्च में आयोजित ‘इम्पैक्ट 1.0’ कार्यक्रम के दौरान सरकार ने घोषणा की थी कि ₹3.08 लाख करोड़ के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग प्रक्रिया राज्य में प्रारंभ हो चुकी है।