यूपीएसआईडीसी के नाक के नीचे रुमा औद्योगिक भूमि का गलत आबंटन
यूपीएसआईडीसी के नाक के नीचे रुमा औद्योगिक भूमि का गलत आबंटन हो रहा है, कुछ लोगों की सांठ-गांठ से ये गोरखधंधा इन दिनों खूब पनप रहा है. मामला यूपीएसआईडीसी की रुमा स्तिथ टेक्सटाइल औद्योगिक भूमि के गलत आबंटन का है जिसमे व्यापारी संदीप गुप्ता मालिक कौशल मार्केटिंग कंपनी, रजिस्टर्ड ऑफिस 116, एक्सप्रेस रोड, कानपुर द्वारा गलत तरीके से भूमि आबंटन करने से लेकर डीईसी, कानपुर द्वारा स्टाम्प ड्यूटी की सब्सिडी को पाने और टेक्सटाइल जोन की भूमि पर एफएसएसआई विभाग द्वारा फ़ूड लाइसेंस लेकर औद्योगिक इकाई लगाया गया है और वहां पर दिल्ली और गुजरात की नामी और रजिस्टर्ड ब्रांड के साथ-साथ कानपुर की रजिस्टर्ड ब्रांड मिस्टर मेकर की अवैध तरीके से निर्माण और पैकिंग कार्य करके मार्किट में अपने नाम से बेचा जा रहा है और व्यापारी द्वारा अपने ही नाम पर 4 उद्योग आधार भी विभाग द्वारा जारी करने का मामला भी सामने आया है.
मामले के याचिकाकर्ता कानपुर के ग्वालटोली निवासी राजेश बाजपाई ने बताया, जो इस मुद्दे पर पिछले कई महीनों से सभी उचित विभाग में पत्राचार के माध्यम से और सुचना के अधिकार के द्वारा यूपीएसआईडीसी को इस भूमि के आबंटन को रद्द करने एवं स्टाम्प ड्यूटी की सब्सिडी को वापस लेने के साथ इसे सभी व्यापरियों पर उचित विभागीय कार्यवाही करने के मांग कर रहे है, इस सन्दर्भ में राजेश वाजपई ने कानपुर जिलाधिकारी से लेकर यूपीएसआईडीसी, कानपुर जिला उद्योग केंद्र, उद्योग मंत्रालय और फ़ूड एंड सेफ्टी विभाग सभी से पत्राचार किया है लेकिन उनके अनुसार अभी तक किसी भी विभाग द्वारा उचित विभागीय कार्यवाही नहीं करी गयी, उन्होंने बताया कि ऐसा ही एक मामला है C-45, टेक्सटाइल जोन इंडस्ट्रीयल एरिया, रुमा में स्तिथ संदीप गुप्ता का है जो कौशल मार्केटिंग कम्पनी के मालिक है, इनकी एक यूनिट 130/51-बी, बगाही, ट्रांसपोर्ट नगर में भी है. राजेश बाजपाई अनुसार इस व्यापारी ने अधिकारियो के साथ मिलीभगत करके सरकार के 1250000/- नयी यूनिट पर स्टाम्प ड्यूटी की नुकसान भी किया है. राजेश वाजपई ने विभाग और अधिकारीयों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सभी के लिए जनहित की योजनायें लाती है लेकिन कुछ नीचे के लोगों की मिली भगत से ये सभी गलत कार्य होते है और सही व्यक्ति तक सरकारी योजनाये नहीं पहुच पाती है. राजेश वाजपई ने सम्बंधित विभाग से इस व्यापारी और ऐसे सभी व्यापरियों पर उचित विभागीय कार्यवाही करने की मांग करते हुए ऐसे सभी आबंटन को जल्द से जल्द रद्द करने का सरकार से अनुरोध करते है.