Friday, June 13, 2025
Rajasthan

माँ और प्रकृति के सान्निध्य में हो संस्कारों की यात्रा

9 जून, 2025 जयपुर। सम्पूर्णा संस्था द्वारा आयोजित 40 दिवसीय बाल एवं महिला संस्कार शिविर के सोलहवें सत्र का भव्य आयोजन जयपुर स्थित सोहम फार्म में किया गया। समाज में महिलाओं एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण के उद्देश्य से विगत 32 वर्षों से कार्यरत सम्पूर्णा संस्था द्वारा यह संस्कार शिविर 25 वर्षों से एक विशिष्ट परंपरा बन चुका है। इस शिविर में प्रतिभागियों को प्रार्थना, मंत्रोच्चारण, वैदिक श्लोक, शिष्टाचार तथा सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन दिया जाता है। इस वर्ष शिविर का मुख्य विषय “माँ और प्रकृति” रहा, जिसमें एक-दूसरे के साथ रहने, समझने और सहयोग करने की भावना को भी विशेष महत्व दिया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें राष्ट्रीय प्रभारी सतीश पूनिया, विधायक एवं आध्यात्मिक संत स्वामी बालमुकुंदाचार्य महाराज, राष्ट्रीय महिला मोर्चा उपाध्यक्ष पूजा कपिल मिश्रा तथा संस्थापिका डॉ. शोभा विजेन्द्र की गरिमामयी उपस्थिति रही।

डॉ. शोभा विजेन्द्र, संस्थापिका सम्पूर्णा ने अपने विचार रखते हुए सनातन और पाश्चात्य संस्कृतियों के मूलभूत अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति व्यक्ति को केंद्र में रखती है, जबकि सनातन संस्कृति परिवार, समाज और प्रकृति के सामूहिक उत्थान की बात करती है। उन्होंने माँ के विविध रूपों—संरक्षिका, शिक्षिका और सृजनकर्ता—को नारीत्व का मूल बताया।

स्वामी बालमुकुंदाचार्य महाराज ने अपने आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कहा कि “गृहिणी के बिना कोई भी घर पूर्ण नहीं होता।” उन्होंने महिलाओं को समाज और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला बताया और वर्तमान समय में सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से सचेत रहने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन संस्कृति संयम, सेवा और संस्कारों की शिक्षा देती है, जिसे आज के युवा अपनाएं।

सतीश पूनिया ने अपने वक्तव्य में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही महिला सशक्तिकरण योजनाओं की जानकारी दी और कहा कि पहले जहां बेटियों को जन्म से पहले ही रोक दिया जाता था, आज वही बेटियाँ राष्ट्र की शक्ति और सम्मान बन रही हैं।

राष्ट्रीय महिला मोर्चा उपाध्यक्ष पूजा कपिल मिश्रा ने माँ के विविध रूपों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “माँ ही सम्पूर्ण सृष्टि का मूल है। उन्होंने माँ को जीवन की प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत बताया।

इस आयोजन में निगम पार्षद स्मिता कौशिक, ग्लोबल बिहारी के संरक्षक दीपक पर्वतीयार, संस्था की कोषाध्यक्ष निर्मला चहल, संस्था की संपादक सुमन बाजपेई तथा पूर्व निगम पार्षद चित्रा अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई और संस्था के प्रयासों की सराहना की।

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