पशु आहार की आड़ में नकली जीरा बनाने वाली फैक्ट्री का हुआ पर्दाफाश
27 सितम्बर, 22 बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर जिले की सिणधरी पुलिस ने मनणावास गांव के पास एक खेत में दबिश देकर पशु आहार की आड़ में नकली जीरा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। मौके से फैक्ट्री मालिक पटेल धर्मेंद्र कुमार पुत्र बाबूलाल (4(1) निवासी बाहरमांढ़ गणेशपुरा उझा गुजरात को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली जीरा एवं नकली जीरा बनाने की सामग्री बरामद की गई।
एसपी दीपक भार्गव ने बताया कि मुखबीर से मनणावास गांव की खेत में पशु आहार की आड़ में नकली जीरा बनाए जाने की सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश आर्य व सीओ शुभकरण के सुपरविजन तथा थाना अधिकारी सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर 25 सितंबर की रात दबिश दी गई। जहां नकली जीरा बनाए जाना पाए जाने पर कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया जिन्होंने जीरा नकली बताते हुए कानूनी कार्रवाई को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर होना बताया। इस पर फ़ूड सेफ्टी इंस्पेक्टर रेवंत सिंह को मौके पर बुलाया गया, जिनकी मौजूदगी में नियम अनुसार फैक्ट्री सीज कर नकली जीरा व निर्माण सामग्री जप्त की गई।
यह किया जब्त :-
मौके से 19150 किलो नकली जीरा, नकली जीरा बनाने में प्रयुक्त 1480 किलोग्राम फूल घास, 4800 किलोग्राम तरल गुड, 1060 किलोग्राम पत्थर पाउडर एवं 40 किलो ग्राम काला पाउडर बरामद किया गया।
ऐसे बनाया जाता है नकली जीरा :-
फूल घास में तरल गुड़ मिलाकर हाथों से अच्छी तरह मिलाने के बाद उसमें पत्थर पाउडर (सोप स्टोन) मिलाकर सुखा देते है बाद में छलनी से छान कर एक साइज का तैयार जीरे में रंग के लिए कार्बन पाउडर मिलाकर पैक किया जाता है। पैकिंग के बाद असली जीरे में मिलावट करने हेतु गुजरात, महाराष्ट्र आदि जगहों के भेजा जाता हैं।
दिल्ली से सीखा नकली जीरा बनाने का तरीका :-
गिरफ्तार फैक्ट्री मालिक धर्मेंद्र कुमार ने पूछताछ में बताया कि नकली जीरा बनाने का तरीका उसने दिल्ली से सीखा था। तरीका सीख कर उसने यहां पशु आहार बनाने की फैक्ट्री डाली। जिसकी आड़ में करीब 2 महीनों से नकली जीरा बनाकर भेज रहा है।