ज्ञान और विज्ञान का अवदान है गीता
5 मई, 22 चूरू। आज जिले में सनातन संस्कृति के संवर्द्धन तथा राष्ट्र उत्थान के मंगल उद्देश्य को लेकर प्रदेश में भ्रमण कर रहे भाई संतोष सागर महाराज ने श्रीराम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को कथा के महातम्य की विस्तृत व्याख्या की।
उन्होंने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ ही नहीं है बल्कि यह ज्ञान-विज्ञान का अभिनव अवदान है। उन्होंने कहा कि जिस कर्म के लेख को विधाता भी नहीं बदल सकते थे लेकिन इस भारत भूमि के ऋषियों ने अपने तपोबल से बदलने की क्षमता रखते थे। उन्होंने कहा यह भारत की सनातन संस्कृति की शक्ति है जो मानव के आचार, विचार और व्यवहार का शुद्धिकरण कर देती हैं।
महाराज ने कहा कि जीवन दीर्ग न हो लेकिन यह दिव्य होना चाहिए। जिन्होंने दिव्य जीवन जीया वे आज भी अमर है, क्योंकि हम उनके जीवन जीने की साधना युक्त कला का अनुसरण करते हैं।
उन्होंने कहा भगवान शुकदेव परीक्षित को कहते हैं कि भक्त वह जो केवल पत्थर में नहीं जीव में भगवान के अंश की अनुभूति हो। उन्होंने कहा घर में अपने माता-पिता की सेवा करें। क्योंकि माँ का आशीर्वाद परमात्मा के वरदान से कम नहीं है। कथा में वीएचपी के प्रांत संगठन मंत्री राजाराम सहित उपस्थित श्रद्धालुओं ने व्यास पीठ का पूजन किया। इसी क्रम में गुरुवार सुबह मॉर्डन पब्लिक स्कूल में गीता ज्ञान पाठशाला ली और विद्यार्थियों को गीता और सनातन संस्कृति के बारे बताया।