“भूजल सप्ताह” का हुआ आयोजन, जिलाधिकारी ने ली बैठक
14 जुलाई, 2025 कानपुर। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा भूजल संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ाने हेतु प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 16 से 22 जुलाई, 2025 तक “भूजल सप्ताह” का आयोजन किया जाएगा। आयोजन में सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ स्थानीय विद्यालयों, कॉलेजों व शैक्षिक संस्थानों की व्यापक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि भूजल का समेकित विकास एवं संरक्षण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। भूजल पुनर्भरण के लिए तालाबों का निर्माण/पुनरुद्धार, चेकडैम निर्माण तथा ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी जल दक्ष तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं, अनियंत्रित दोहन को नियंत्रित करने हेतु उत्तर प्रदेश ग्राउण्डवाटर (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम 2019 को प्रभावी रूप से लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जनपद में जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद गठित की गई है।
उन्होंने बताया कि इन संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 7 वर्षों में प्रदेश के 34 विकासखंड जल संकट से उबरे हैं तथा 29 जनपदों में भूजल स्तर में सुधार दर्ज किया गया है। यह प्रगति भूजल संरक्षण की दिशा में सरकार के प्रयासों की सफलता को दर्शाती है।
साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि जल शक्ति अभियान-VI की शुरुआत 22 मार्च, 2025 को “जल संचयन जनभागीदारी – जनजागरूकता की ओर” थीम के साथ की गई है। इसका उद्देश्य वर्षा जल संचयन हेतु कृत्रिम संरचनाओं का निर्माण, जल निकायों का पुनरुद्धार और नदियों के कायाकल्प जैसे कार्यों को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देना है।
“जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” को इस वर्ष के भूजल सप्ताह का मुख्य विचार बिंदु बनाया गया है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि 16 से 22 जुलाई के बीच कार्यक्रमों का प्रभावी आयोजन सुनिश्चित करें।