Wednesday, October 15, 2025
Uttar Pradesh

WEE इंडेक्स में लखनऊ, कानपुर और वाराणसी शीर्ष पर

8 जुलाई, 2025 लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में महिला आर्थिक सशक्तिकरण सूचकांक (डब्ल्यूईई इंडेक्स) की प्रस्तुति की गई। यह सूचकांक योजना विभाग द्वारा उदयती फाउंडेशन के सहयोग से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि राज्य की योजनाओं और कार्यक्रमों से महिलाओं को कितना लाभ मिल रहा है, इसका सटीक मूल्यांकन किया जा सके और सुधार के लिए दिशा तय की जा सके। मुख्यमंत्री ने इसे “नारी गरिमा और आत्मनिर्भरता की दिशा में उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक कदम” बताया।

इस सूचकांक में पाँच प्रमुख विषयों, उद्यमिता, रोजगार, शिक्षा और कौशल, आजीविका तथा सुरक्षा और आवागमन से जुड़ी सुविधाओं के आधार पर प्रदेश के सभी 75 जनपदों का मूल्यांकन किया गया है। यह सूचकांक यह बताता है कि किस जनपद में महिलाओं को योजनाओं का लाभ मिला और कहाँ अभी और प्रयासों की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सूचकांक मुख्यमंत्री नियंत्रण कक्ष से जोड़ा जाए और सभी संबंधित विभाग इसे नीति निर्माण और निगरानी के एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में अपनाएं। प्रत्येक विभाग को निर्देशित किया गया कि वे इस सूचकांक के आधार पर अपने-अपने कार्यक्षेत्र में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए ठोस कार्य योजनाएं बनाएं। जिलों को भी सूचकांक के अनुसार अपनी रणनीति तय करनी होगी ताकि स्थानीय स्तर पर योजनाओं का प्रभाव अधिक हो सके।

प्रस्तुति में यह भी सामने आया कि कई योजनाओं में कुछ जनपदों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि कुछ जिलों में महिलाओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम रही। उदाहरण के लिए, लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी जैसे जिलों में योजनाओं का लाभ महिलाओं तक बेहतर ढंग से पहुँचा है, जबकि श्रावस्ती, संभल, महोबा, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जैसे जनपदों में विशेष प्रयासों की आवश्यकता महसूस की गई है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ओडीओपी मार्जिन मनी योजना के अंतर्गत महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए बांदा, जालौन, जौनपुर, महोबा, श्रावस्ती और सीतापुर सहित सभी जनपदों में विशेष अभियान चलाया जाए। जिन जनपदों में अभी तक महिलाओं को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाया है, वहां विशेष प्रयत्न किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि होमगार्ड एवं शिक्षकों की नई भर्तियों में पुलिस भर्ती की तर्ज पर महिलाओं को वरीयता दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह दायित्व है कि महिलाओं को न सिर्फ सम्मान मिले, बल्कि उन्हें सुरक्षा बलों और शासन-प्रशासन की संरचनाओं में भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्राप्त हो।

बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि तकनीकी संस्थानों, कौशल प्रशिक्षण केंद्रों और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जाएं। प्रशिक्षण से बाहर हो चुकी महिलाओं को दोबारा जोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष ‘पुनः नामांकन इकाई’ स्थापित की जाए। स्वास्थ्य और सेवाक्षेत्र से जुड़ी शिक्षा में महिलाओं को आगे लाने हेतु पैरामेडिकल संस्थानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में भी महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की योजना पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर जैसे कार्यों में अवसर दिए जाने चाहिए और इसके लिए प्रशिक्षण केंद्रों में उन्हें विशेष सुविधा व प्रोत्साहन दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी विभागों से अपेक्षा की कि वे इस सूचकांक को केवल रिपोर्ट मानकर न छोड़ें, बल्कि इसे कार्य का आधार बनाएं और निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की महिलाएं यदि योजनाओं की मूल शक्ति बनेंगी, तभी समाज और राज्य की समग्र प्रगति सुनिश्चित हो सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *