Wednesday, October 15, 2025
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लखनऊ में बनेगी फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी, CM ने दी मंजूरी, 1 रुपए प्रतिवर्ष की लीज पर दी भूमि

12 अगस्त, 2025 लखनऊ। अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योगी सरकार द्वारा अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के लखनऊ परिसर की स्थापना के लिए स्थायी परिसर निर्माण हेतु भूमि हस्तांतरित की गई। यह परिसर बी.ए. (ऑनर्स) अंग्रेजी, एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, एम.ए. अंग्रेजी साहित्य, पीजीडीटीई और पीएच.डी. जैसे नियमित कार्यक्रमों के साथ-साथ फ्रेंच, जर्मन, रूसी और स्पेनिश भाषाओं के अंशकालिक पाठ्यक्रम भी संचालित करेगा। वर्तमान में विश्वविद्यालय अस्थायी रूप से आरटीटीसी कॉम्प्लेक्स, कानपुर रोड, लखनऊ में संचालित है।

भूमि हस्तांतरण समारोह उच्च शिक्षा मंत्री के लखनऊ स्थित आवास पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय उपस्थित रहे। उनके साथ  उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, सरोजिनी नगर विधानसभा के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एम.पी. अग्रवाल, विशेष सचिव निधि श्रीवास्तव सचिव अमित त्रिपाठी, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. नागराजू, कुलसचिव प्रो. एम. हरिप्रसाद, निदेशक (लखनऊ परिसर) प्रो. रजनीश अरोड़ा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश के युवाओं को वैश्विक स्तर की भाषाई शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यह विश्वविद्यालय भाषाई शिक्षा, साहित्य और भाषाविज्ञान के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि स्थायी परिसर के निर्माण से शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. नागराजू ने उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भूमि हस्तांतरण संस्थान के दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आश्वासन दिया कि लखनऊ परिसर को भाषाई शिक्षा और अनुसंधान का उत्कृष्ट केंद्र बनाया जाएगा।

जिलाधिकारी लखनऊ द्वारा ग्राम चकौली, परगना बिजनौर, तहसील सरोजनी नगर, जनपद लखनऊ में कुल 2.3239 हेक्टेयर भूमि को इस परियोजना के लिए चिन्हित किया गया था। प्रारंभिक मूल्यांकन के अनुसार भूमि का मूल्य 9,29,56,000 रूपए तथा मालगुजारी 34,858.50 रूपए वार्षिक आंका गया। विश्वविद्यालय द्वारा भूमि क्रय करने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने मंत्री परिषद से अनुमोदन प्राप्त कर इस भूमि को उच्च शिक्षा विभाग के नाम निःशुल्क हस्तांतरित करते हुए विश्वविद्यालय को 1 रूपए प्रतिवर्ष की लीज पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। अनुमोदन के क्रम में राजस्व अभिलेखों में भूमि दर्ज कर ली गई तथा 12 अगस्त 2025 को औपचारिक लीज डीड निष्पादित की गई।

कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन निदेशक, लखनऊ परिसर, प्रो. रजनीश अरोड़ा ने किया।

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