Wednesday, March 19, 2025
Rajasthan

गुलामी के प्रतीक से मुक्ति, फॉयसागर का नाम अब हुआ वरुण सागर

13 फरवरी, 25 जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने ऎतिहासिक निर्णय लेते हुए अजमेर की प्रसिद्ध फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरुण सागर कर दिया है। यह बदलाव भारत के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले के साथ ही शहर के एक और स्वाभिमान और स्वतंत्रता का प्रतीक स्थापित हो गया है। हाल ही में किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम भी परिवर्तन कर महर्षि दयानंद विश्रांति गृह किया गया था।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि राज्‍य सरकार उन सभी ब्रिटिश काल की निशानियों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है जो आज़ादी के वर्षों बाद भी हमारी राष्ट्रीय अस्मिता को ठेस पहुँचाती हैं। फॉयसागर का नाम बदलकर वरुण सागर करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे यह झील अब भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ सकेगी। वरुण झूलेलाल का अवतरित स्वरूप सिंधी एवं अन्य समाजों के आराध्य देव है। वरुण सागर झील का योजनाबद्ध तरीके से सौंदर्यीकरण एवं विकास किया जाएगा। इसमें वरुण देवता की एक विराट प्रतिमा की स्थापना भी की जाएगी। एक घाट भी यहां बनाया जाएगा। इसका उपयोग चालीसा के दौरान पूजा सामग्री प्रवाहित करने में किया जा सकेगा। फॉयसागर झील गुलामी का 132 वर्ष पुराना प्रतीक है। इसका निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर फॉय ने जलापूर्ति एवं अकाल राहत के लिए करवाया था। उदयपुर की तरह अजमेर में भी अनेक झील है।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि शहर के बीच स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल भी 113 वर्ष पुराना गुलामी का प्रतीक था। इसका नाम महर्षि दयानंद विश्रांति गृह किया गया है। अजमेर, महर्षि दयानंद की निर्माण स्थल रही है। महर्षि दयानंद की जयंती पर यहां महर्षि दयानंद विश्रांति गृह नाम की पट्टिका  लगाई जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि महर्षि दयानंद ने जो काम किया उससे वैदिक संस्कृति को बढ़ावा मिला। उन्होंने ओम के झंडे को हमेशा ऊपर उठाया। राजस्‍थान विधान सभा की दैनन्दिनी में भी दयानंद सरस्वती का चित्र समाहित किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि शहर में होटल खादिम का नाम परिवर्तन कर एवं तेलंगाना हाउस को निरस्त कर राष्‍ट्र के स्‍वाभिमान की दिशा में कार्य किया गया। इसके उपरांत भी यदि कोई गुलामी का प्रतीक मिला तो उसका भी नाम परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एलिवेटेड रोड का नामकरण भी अभी शेष है। इसके लिए रामसेतु नाम का प्रस्ताव दिया गया है। एलिवेटेड रोड़ को रोशनी एवं साजो सज्जा से युक्त कर शहर का मुख्य आकर्षण बनाया जाएगा ।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने क्षेत्र में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अजमेर शहर में सड़क निर्माण, वर्षा जल संचयन, सीवरेज सफाई और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया जा रहा है । वर्षा जल से सड़क की क्षति होने पर निर्माणकर्ता की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। वर्षा जल प्रबंधन एवं शहर में जलभराव से बचाव और जल संचयन को लेकर कार्ययोजना तैयार कर सीवरेज सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पूरे वर्ष नालों के सफाई की व्यवस्था की जा रही है।

विधानसभा अध्यक्ष ने आमजन से अपील की है कि वे राज्‍य सरकार के इन प्रयासों में सहयोग करें और स्वच्छ, हरित, आधुनिक, सुंदर एवं श्रेष्ठ अजमेर बनाने में योगदान करें। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन केवल नाम का ही नहीं है बल्कि विचारधारा का परिवर्तन है, जो आने वाली पीढ़ियों को आत्मसम्मान और स्वाभिमान से जीने की प्रेरणा देगा।

परोपकारिणी सभा ऋषि उद्यान के आचार्य सत्य निष्ठ ने मंत्रोच्चार कर अध्यक्ष का माल्‍यार्पण कर कहा कि अजमेर अब वैदिक संस्कृति एवं सनातन की ओर अग्रसर है। गुलामी की लेश मात्र स्मृति भी शेष नहीं रही और यदि कहीं बाकी रही तो नामो निशान मिटा दिया जाएगा। रामस्वरूप आचार्य, महर्षि दयानंद निर्वाण न्यास कोषाध्यक्ष सुभाष नवाल, सोमरत्न आर्य, नवीन मिश्र, चिरंजीलाल, राकेश झवर, सत्येंद्र शास्त्री, पार्षद रमेश चेलानी, कुमार लालवानी, मनीष गवलानी सहित अन्य ने विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। इसी प्रकार महर्षि दयानंद स्मारक न्यास अजमेर, आर्य समाज आदर्श नगर, परोपकारिणी सभा अजमेर, महेश कल्याण समिति रामनगर, महेश्वरी सेवा समिति कृष्णगंज, माहेश्वरी धड़ा चौधरियान, होलीदड़ा, गुर्जर समाज माकड़वाली, लघु उद्योग भारती अजमेर, औद्योगिक क्षेत्र गेगल, आनासागर सर्कुलर लिंक रोड विकास समिति सहित अनेक सामाजिक संस्थाओं ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का आभार व्यक्त किया।

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