घाटमपुर में बाढ़ स्थिति नियंत्रित, प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी
4 अगस्त, 2025 कानपुर। घाटमपुर क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण के बाद अब प्रशासन की ओर से राहत और पुनर्वास के काम तेजी से किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एवं आपदा प्रभारी विवेक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में उपजिलाधिकारी घाटमपुर अबिचल प्रताप सिंह लगातार पूरे हालात की निगरानी कर रहे हैं।
प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित गांवों में शासन के मानकों के अनुरूप सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। राजस्व विभाग की ओर से प्रभारी तहसीलदार अंकिता पाठक, दो नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, संग्रह अमीन तथा दो दर्जन लेखपालों की टीम लगातार काम कर रही है। वहीं, विधायक घाटमपुर सरोज कुरील ने आज हरदौली और महुआपुरवा पहुंचकर खाद्य सामग्री का वितरण किया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत आज 214 मरीजों का इलाज किया गया। साथ ही ओआरएस घोल और क्लोरीन की गोलियां वितरित की गईं। MOIC पवन सचान ने बताया कि दवाओं की कोई कमी नहीं है। अब तक 1010 लोगों को ओआरएस और जरूरी उपचार उपलब्ध कराया जा चुका है। मोबाइल टीमें वायरल, बुखार और पेट संबंधी बीमारियों के इलाज में जुटी हैं।
पशु चिकित्सा विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर बीमार पशुओं का इलाज कर रही हैं। आज 6 पशु चिकित्सा केंद्रों के माध्यम से 214 पशुओं का उपचार किया गया। डिप्टी सीवीओ संजय सिंह की अगुवाई में मोबाइल टीमों ने अब तक 6,000 से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया है।
बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए एसडीओ विद्युत को सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आज विद्युत आपूर्ति बहाल किए जाने की संभावना है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे विद्युत पोल्स से दूरी बनाकर रखें और घरों में गीली दीवारों के पास कोई भी खुला तार न छोड़ें, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।
अब जबकि कोई भी विद्यालय बाढ़ के पानी से प्रभावित नहीं है, जनपद प्रशासन ने पठन-पाठन बहाल करने का निर्णय लिया है। खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि केवल सुरक्षित विद्यालय भवनों में ही शिक्षण कार्य कराया जाए।
उपजिलाधिकारी घाटमपुर अबिचल प्रताप सिंह ने बताया कि आज के निरीक्षण में यह पाया गया कि गांवों की आबादी से पानी उतर गया है और जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। राहत और पुनर्वास का काम तेजी से चल रहा है। साफ-सफाई, स्वास्थ्य सेवाएं और खाद्यान्न वितरण का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है। सभी विभागों के समन्वय से एक सम्पूर्ण बाढ़-प्रबंधन किया जा रहा है और किसी को भी किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास जारी हैं। स्थिति अब सामान्य होने की ओर है।
चार केंद्रों से भोजन, अजगरपुर में कम्युनिटी किचन-
प्रभावित गांव गड़ाथा, महुआपुरवा, कटरी, काटर, अमिरतेपुर और हरदौली में आज सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन वितरित किया गया। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के भोजन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए चार केंद्रों से भोजन वितरण की व्यवस्था की है। अजगरपुर में संचालित कम्युनिटी किचन मुख्य डिस्पैच सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है।
सफाई और दवा छिड़काव का काम शुरू, बनी 12 टीमें-
अब जबकि अधिकांश गांवों से पानी उतर चुका है, तो कीचड़ और गाद के चलते बीमारियों की आशंका को देखते हुए सफाई और दवा छिड़काव का काम शुरू कर दिया गया है। खंड विकास अधिकारी घाटमपुर की देखरेख में 12 टीम प्रभारियों के नेतृत्व में 50 से अधिक सफाईकर्मियों की टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें एडीओ पंचायत के नेतृत्व में सफाई कार्य कर रही हैं।
विषैले जीवों से सतर्कता, पर्याप्त एंटी स्नैक वेनम उपलब्ध-
गांवों में सांप-बिच्छू जैसे विषैले जीवों के खतरे को देखते हुए लोगों को अंधेरे में न जाने की सलाह दी गई है। चिकित्साधीक्षक घाटमपुर को पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम और अन्य जरूरी दवाओं की व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से मौजूद हैं।


