CID क्राइम ब्रांच ने डीग के कैथवाड़ा में पकड़ी सिंथेटिक दूध बनाने की फैक्ट्री

08 नवम्बर, 23 जयपुर। पुलिस मुख्यालय सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार को सुबह डीग जिले के कैथवाड़ा कस्बे में सरस दूध के नाम से सिंथेटिक दूध बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। फैक्ट्री में तैयार सिंथेटिक दूध दौसा जिले के बांदीकुई थाना अंतर्गत 2 बीएमसी और थाना बैजूपाड़ा स्थित एक बीएमसी के अतिरिक्त सिकराय कस्बे की डेयरियों में सप्लाई किया जा रहा था। सभी जगह से कुल 12 लोगों को डिटेन किया गया है।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (अपराध) दिनेश एमएन ने बताया कि यह कार्रवाई स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ की गई है। कैथवाड़ा में पकड़ी गई फैक्ट्री से रोजाना करीब 50 हजार लीटर सिंथेटिक दूध तैयार कर सप्लाई किया जा रहा था। सीआईडी द्वारा बुधवार को की गई कार्रवाई में भी करीब 50 हजार लीटर सिंथेटिक दूध के अलावा भारी मात्रा में पनीर, मावा के साथ दूध के तीन छोटे टैंकर जप्त किए गए।स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दूध और अन्य खाद्य पदार्थ के सैंपल लिए हैं।

एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि कैथवाड़ा थाना क्षेत्र स्थित कमालिया आइस इंडस्ट्रीज एवं मिल्क चिलिंग प्लांट में केमिकल के द्वारा सिंथेटिक दूध बनाया जा रहा था। फैक्ट्री से छोटे दूध के टैंकरों के मार्फत दौसा जिले में थाना बांदीकुई स्थित बीएमसी रलावता व झुंपडीन एवं थाना बैजूपाड़ा स्थित बीएमसी बिवाई तथा सिकराय कस्बे में तीन दूध की डेयरी में सप्लाई किया जाता। बीएमसी के संचालक नकली दूध की जयपुर सरस् डेयरी में सप्लाई कर रहे थे। इस काम में बीएमसी के अध्यक्ष की भूमिका संदिध पाई गई है।

केमिकल से तैयार किया जाता है सिंथेटिक दूध –

सिंथेटिक दूध में असली दूध की एक बूंद भी नहीं होती। हाइड्रो पेरोक्साइड, यूरिया, पाम आयल, कास्टिक सोडा, मिल्क पाउडर इत्यादि को एक निश्चित मात्रा में लेकर मशीनों के जरिए तैयार किया जाता है।

एडीजी ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम के हेड कांस्टेबल शंकर दयाल, रामनिवास व कमल को डीग जिले में नकली सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री के बारे में आसूचना प्राप्त हुई। इस पर आईजी क्राइम प्रफुल्ल कुमार के पर्यवेक्षण व एडिशनल एसपी आशाराम चौधरी के सुपरविजन तथा इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में सूचना डवलप कर पुष्टि की गई। पुष्टि के बाद बुधवार को स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापा मारा गया।

एडीजी एमएन ने बताया कि टीम में एसआई सुभाष तंवर, हेड कांस्टेबल महेश, रविंद्र, हेमंत कांस्टेबल देवेंद्र, विजय, गोपाल, भूपेंद्र, सोहन, नरेश, संजय, बृजेश, विश्राम शामिल थे। विशेष भूमिका हेड कांस्टेबल शंकर, रामनिवास व कमल की रही जबकि नेतृत्व इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत द्वारा किया गया।

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