सपनों को पूरा करने के लिए करें कठिन परिश्रम : सांसद डॉ० दिनेश शर्मा

18 अक्टूबर, 23 लखनऊ। राज्यसभा सांसद व पूर्व उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश डॉ० दिनेश शर्मा ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए बडे सपने देखने के साथ ही उन सपनों को पूरा करने के लिए लक्ष्य रखकर कडी मेहनत करनी चाहिए। विद्यालय को शिक्षा का मंदिर बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर शिक्षक और विद्यार्थी के बीच में एक पवित्र सम्बन्ध होता है जो विद्यार्थी के भविष्य को बदल देता है। भारत का एजुकेशन सिस्टम दुनिया में सबसे अच्छा है । आज के समय में बालिकाएं किसी से कम नहीं है और वे हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रही हैं।

नवयुग कन्या महाविद्यालय में आयोजित छात्रा परिषद के पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह व बैच वितरण कार्यक्रम में डा शर्मा ने कहा कि एक अध्यापक आजीवन अध्यापक होने के साथ ही एक ऐसा विद्यार्थी भी होता है जिसमें लगातार सीखने की भूख होती है। जीवन में ज्ञान प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है। व्यक्ति का ज्ञान उसे बेहतर जीवन जीने का मार्ग सिखाता है इसलिए हर व्यक्ति को हर दिन कुछ नया सीखना चाहिए। नई पीढी नई तकनीक के साथ बेहतर तरह से कदमताल कर रही है। चन्दा मामा आएंगे वाला समय अब चन्द्रमा पर जाने वाले समय में बदल चुका है। भारत की मेधा का डंका आज पूरी दुनिया में बज रहा है।
नवयुग कालेज को राजधानी की प्रतिष्ठित संस्था बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर प्रवेश मिलना गौरव का विषय होता है। समय के साथ नए कालेज खुले हैं पर इस संस्था की प्रतिष्ठा वैसी ही बनी रही है।

सांसद डॉ० शर्मा ने बताया कि पिछली प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शिक्षा विभाग का दायित्व संभालने के दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि शिक्षकों की भर्ती में मेरिट से समझौता नहीं हो क्योंकि एक बार खराब शिक्षक की नियुक्ति लम्बे समय तक बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में नियुक्तियां पारदर्शी तरह से हुई हैं। ऐसे स्थानों पर भी शिक्षक और प्राचार्य पहुचे हैं जहां पर लम्बे समय से शिक्षक नहीं थे। शिक्षकों की नियुक्तियों ने शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार किया। भाजपा की पिछली सरकार ने जब सत्ता संभाली थी तब यूपी नकल के लिए बदनाम हुआ करता था। सत्ता में आने के बाद तकनीक के प्रयोग से नकल पर लगाम लगाकर प्रदेश को नकलविहीन परीक्षा का माडल बनाया है। उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य था जहां पर नई शिक्षा नीति सबसे पहले लागू हुई और केन्द्र सरकार ने उसकी सराहना भी की। सूबे में शिक्षा क्षेत्र में बडा बदलाव आया तथा आजादी के बाद पहली बार पाठ्यक्रम में परिवर्तन हुआ। कोरोना जैसे समय में ज्ञान के प्रवाह को बनाए रखने के लिए आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई। प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई। इसमें शिक्षकों के लेक्चर अपलोड किए गए। यूपी की सरकार ने ऐसी व्यवस्था की कि बच्चों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पडे। शोध को प्रोत्साहन के लिए शोधपीठों की स्थापना की गई।

राज्यसभा सांसद डॉ० शर्मा ने कहा कि अमेरिका में हुई शोध के अनुसार बच्चों को उनके दादा दादी के साथ रहने का अवसर देना चाहिए इससे उनकी तमाम जिज्ञासाएं शान्त होती है। भारत में संयुक्त परिवार में पहले से ही ऐसा होता आया है पर अब परिवारों के विघटन से स्थितियां बदली हैं। हमारे देश में पहले वृद्ध आश्रम नहीं हुआ करते थे। आज समय आ गया है कि हम फिर से अपने संस्कारों और परम्पराओं को अपनाए। सनातन संस्कृति दुनिया की बेहतरीन संस्कृति है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं की ऊर्जा और मेधा को दिशा देने के लिए स्टैंड अप इंडिया , डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी तमाम योजनाए लागू की। आज भारत बदल रहा है। जिस देश में गरीब के लिए बैंक के दरवाजे बन्द हुआ करते थे वहीं आज हर गरीब का बैंक में जनधन खाता खुल गया है। इसका परिणाम है कि सरकारी योजनाओं की सहायता राशि बिना किसी भ्रष्टाचार के गरीबों तक पहुच रही है।

उन्होंने मंजुला उपाध्याय, नेहा अग्रवाल व प्रतिभा घोष द्वारा लिखी पुस्तक सशक्त भारत अमृतकाल के संकल्प का विमोचन भी किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक विजय दयाल प्रधानाचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय अटारी की प्रधान संयुक्त सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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