NGO की आड़ में भूमाफियाओं को देता हैं संरक्षण

17 मार्च, 2024 जयपुर। राजस्थान में 5 वर्षो के बाद प्रधानमंत्री मोदी के गारंटी पर भाजपा की सरकार आयी हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बनाया गया हैं और सीएम बनते ही उन्होंने भ्रस्टाचार मुक्त प्रदेश का जनता में संदेश दिया हैं। वही दूसरी तरफ जयपुर के झोटवाड़ा क्षेत्र के करधनी थाने के पास तथाकथित NGO क्राइम बेन इंडिया का संचालक जो अपना नाम नादान सिंह शेखावत बताता हैं भूमाफियाओं को अपनी NGO की आड़ में संरक्ष्ण देने का काम कर रहा हैं। ये तथाकथित NGO संचालक कभी अपने आप को करधनी व्यापार मंडल का पदाधिकारी बताता हैं, कभी अपने आप को तथाकथित पत्रकार बताता हैं और कभी एक राजनीतिक पार्टी का समर्थक भी बताता हैं। जबकि वास्तविकता ये हैं कि NGO का कार्यालय भी अवैध निर्माण करके सरकारी जमीन पर कब्ज़ा किया हुआ हैं। तथाकथित NGO संचालक मीडिया में ख़बर चलाये जाने को लेकर उनको धमकी देने का कार्य भी करता हैं।

गौरतलब हैं कि कालवाड़ रोड के करधनी थाना क्षेत्र के पास जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा व्यावसायिक कार्य के लिए भूखंड दुकान के रूप में बेचे गए थे। इन भूखंडों में आसपास के आवासीय क्षेत्र के लिए स्थानीय मार्किट बने हैं। इन दुकानों के निर्माण में कई अनियमितताएं पाई गई हैं। जिसमें अधिकतम आबंटित दुकानों द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण एवं अवैध कब्ज़ा किया गया हैं।

इस JDA भूखंड में अवैध निर्माण कर सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करने में सुभाष गहलोत नामक व्यक्ति का नाम पहले आता हैं जिसने इस भूखंड में 4 दुकानें खरीद रखी हैं और आबंटित दुकानों के बाहर 3 तरफ से अवैध निर्माण करके सरकारी जमीन पर करीब 5 फुट कब्ज़ा कर रखा हैं साथ ही अपनी 4 दुकानों के सामने ग्रीन बेल्ट के नाम करीब 100 गज़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा हैं। पेशे से सुभाष गहलोत जमीन की खरीद-बिक्री का ही व्यापार करता हैं।

तथाकथित NGO संचालक, सुभाष गहलोत द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी व्यापार मंडल की दुहाई देते हुए किये गए अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर किये गए अतिक्रमण को सही बताता हैं।

ये व्यसायिक भूखंड जयपुर विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन अधिकारी जोन 7 में आता हैं। इस अवैध निर्माण एवं सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की जानकारी सम्बंधित प्रवर्तन अधिकारी को आज से करीब 1 महीने पहले ही दी जा चुकी थी लेकिन अफसोस JDA के जोन 7 के प्रवर्तन अधिकारी द्वारा अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई हैं। प्रवर्तन अधिकारी द्वारा अब तक ना ही अवैध निर्माण को हटाया गया हैं और ना ही सरकारी जमीन से अवैध कब्जे को खाली कराया गया हैं। पिछले एक महीने से इस मामले को लगातार प्रवर्तन अधिकारी के संज्ञान में लाया जा रहा हैं किन्तु अब तक एक भी कार्यवाही ना होना और उनके द्वारा एक भी उचित जवाब ना देना और इस मामले में मौन रहना ये दर्शाता हैं कि भ्रष्टाचार किस हद तक व्यवस्था में व्याप्त हैं। संबंधित जोन 7 के प्रवर्तन अधिकारी का इस मामले को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं मिला हैं।

अब एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हैं जो जनता के हित की बात करते हैं और भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की बात करते हैं वही दूसरी ओर सरकारी विभाग के अधिकारी भूमाफियाओं पर कार्यवाही करने की बजाय मौन धारण करते हैं?

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