झूठ ज्यादा बोलो तो सच लगता हैं, भाजपा यही कर रही हैं – AICC प्रवक्ता पाटिल
31 अक्टूबर, 23 जयपुर। एक झूठ को सौ बार बोलो तो लोगों को सच लगने लगता है यह सोचकर भाजपा के नेता बार-बार झूठ बोलते हैं, किन्तु सवाल यह है कि देश में बढ़ती मंहगाई के लिये कभी कोई प्रदेश की सरकार जिम्मेदार हो सकती है क्या?
AICC के प्रवक्ता एवं AICC के राजस्थान मीडिया प्रभारी अतुल लोंढे पाटिल ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर आज प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि फसल की कमी की वजह से या बाजार में कमी की वजह से किसी वस्तु की कीमत बढऩे के लिये राज्य सरकार जिम्मेदार होती है या केन्द्र सरकार, इस प्रश्न का उत्तर भाजपा को देना चाहिये। जीएसटी लागू होने के पश्चात् एक्साईज और वैट को छोडक़र कोई ऐसा टैक्स नहीं बचा जो राज्य सरकार लगाती हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकारों द्वारा प्रस्तुत बजट का हिस्सा भी देखकर पता किया जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा लगाया गया टैक्स पेट्रोल अथवा लीकर पर ही होता है, अन्य कोई टैक्स राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में नहीं है। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या मोदी वही प्रधानमंत्री नहीं है जिन्होंने चुनावों में कहा था कि दूध, दही सब चीजों पर कांग्रेस टैक्स लगाने वाली है जबकि सत्ता में आने के बाद दूध, दही, छाछ पर टैक्स लगाने का कार्य मोदी सरकार ने ही किया है। उन्होंने कहा कि जिन-जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं वहां मंहगाई को कम करने के लिये सरकारों ने दखल देेते हुये जनता को मंहगाई राहत देने की कोशिश की है, सेस लगाने की वजह से जब राज्य सरकारों को फाईनेंस कमीशन के डिवीजन के पश्चात् जो पैसा मिलना चाहिये था वह नहीं मिला। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण जनता को लाभ मिलने की बजाए उद्योग पतियों को लाभ मिल रहा है तथा राजा फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा कि जब कच्चे तेल की कीमत 112 डॉलर प्रति बैरल थी तब देश में 72 रूपये में पेट्रोल एवं 58 रूपये प्रति लीटर डीजल यूपीए शासन में मिलता था, उस वक्त डीजल पर एक्साईज दर 3.56 रूपये थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नसीब अच्छा होने की बात कही थी और क्रूड ऑयल की कीमत 18 डॉलर प्रति बैरल कम हो गई तथा साढ़े नौ वर्ष में लगभग 48 रूपये क्रूड की कीमत औसतन रही किन्तु पेट्रोल-डीजल के दाम देश में लगातार केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाये जाते रहे। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में सडक़े विकसित करने के लिये उन्हें पैसे की जरूरत नहीं है बाजार से पैसा मिल रहा है, किन्तु उसके बावजूद एक रूपये रोड सैस से बढ़ाकर 18 रूपये सैस केन्द्र सरकार ने लगाकर आम आदमी की कमर तोड़ दी। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या बिजली की दर तय करना किसी राज्य सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता राजस्थान सरकार पर आरोप लगाने से पहले सोचते भी नहीं है क्योंकि हर राज्य में बिजली कम्पनियों के द्वारा दी जाने वाली बिजली के दाम रेगुलेट्री बॉडी तय करती है। पिछले दिनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि देश में कोयला उपलब्ध होने के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा विदेश से कोयला खरीदने का दबाव राज्य सरकारों पर बनाया गया। देश में कोयला उपलब्ध होने के बावजूृद ऑवर इनवॉयसिंग करके मंहगा कोयला भाजपा के चहेते उद्योगपति अडानी को फायदा पहुॅंचाने के लिये विदेश से कोयला खरीदने हेतु दबाव डाला गया जिस कारण बिजली का उत्पादन मंहगा हुआ जिसकी जिम्मेदार केन्द्र सरकार है जिसके कारण ग्राहकों को बिजली लेना मंहगा हुआ। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश की सरकार द्वारा लागू जनकल्याणकारी नीति के कारण प्रदेश के 80 फीसदी बिजली उपभोक्ताओं का बिल शून्य आता है जिस कारण 4 से 5 करोड़ लोग नि:शुल्क बिजली का उपयोग कर रहे हैं तथा एक करोड़ से अधिक परिवार लाभान्वित है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार प्रदेश के लोगों के जीवन में बदलाव लाई है, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना लागू होने से लोगों को अपना ईलाज कराने के लिये संकोच के साथ सोचना नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार दावा करती है कि देश में मंहगाई कम हुई है जबकि लोगों के खाने की थाली का खर्च 50 रूपये से 100 रूपये हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।
प्रभारी अतुल लोंढे पाटिल ने कुछ प्रोडक्ट दिखाए और बताया कि जो बिस्कुट का पैकेट पहले 5 रूपये आता था उसकी कीमत नहीं बदली है किन्तु वजन कम हो गया है। इसी तरह अन्य प्रोडक्टस् में भी उपलब्ध सामान कम हो गया है यही सच्चाई है और इसमें राज्य सरकारों का कोई हाथ नहीं है बल्कि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जहॉं-जहॉं कांग्रेस की सरकारें हैं वे मंहगाई से राहत दे रही हैं, सब्सिडी दे रही है, किन्तु भाजपा वाले इन्हें रेवडिय़ा कहकर जनकल्याण के कार्यों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयात-निर्यात का विषय केन्द्र सरकार है, राज्य सरकारों को आयात-निर्यात पॉलिसी बनाने का कोई अधिकार नहीं है, बारिश ज्यादा हुई तो प्याज का भण्डारण नहीं हो सकता, किन्तु आश्चर्य की बात है कि केन्द्रीय मंत्री राज्य सरकार पर आरोप लगाते हैं। देश में महाराष्ट्र में 60 प्रतिशत प्याज का उत्पादन होता है फिर भी वहॉं वर्तमान में 90 रूपये 110 रूपये तक प्रति किलोग्राम प्याज का भाव क्यों है? जबकि वह भाजपा शासित राज्य है।
उन्होंने कहा कि जब फसल बोई जाती है तभी उत्पादन का अनुमान आ जाता है और उसके अनुसार आयात-निर्यात नीति तय होती है। दालों के उत्पादन को दुगना करने का आह्वान प्रधानमंत्री ने किया था किन्तु देश के किसानों एक साल में ही उत्पादन दुगना कर दिया, किन्तु केन्द्र सरकार ने दालों का निर्यात कर किसानों की कमर तोड़ दी। किसानों का उत्पदान खर्च बढ़ गया किन्तु किसानों की ना तो आय दुगनी हुई और ना डेढ़ गुना एमएसपी किसानों को मिली है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने आगामी चुनावों में विजय होकर पुन: सरकार बनाने पर आपदा राहत योजना लागू कर मुआवजे की जो गारंटी दी है वह आवश्यक है क्योंकि किसी भी प्रकार की आपदा से हुये नुकसान की भरपाई करने की गारंटी राजस्थान सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने की गारंटी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिये महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा राजस्थान सरकार के खिलाफ नहीं है, इसलिये बौखलाकर बिना किसी जानकारी के अनर्गल आरोप राजस्थान सरकार पर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश की जनता लाभान्वित है तथा आगामी विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से प्रदेश में पुन: कांग्रेस की सरकार बनेगी।