हाथोज धाम पीठाधीश्वर पहुँचे राज्यपाल के द्वार
13 अक्टूबर, 23 जयपुर। अखिल भारतीय संत समिति राजस्थान अध्यक्ष स्वामी श्री बालमुकुंदाचार्य जी महाराज हाथोज धाम एवं सभी धर्माचार्यों के साथ आज राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को शासन प्रशासन के द्वारा मंदिर पुजारीयो एवं संतो को नोटिस जारी करने को लेकर ज्ञापन दिया।
हाथोज धाम के स्वामी बालमुकुंदाचार्य जी महाराज ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से जयपुर के चार दीवारी क्षेत्र परकोटे से हिंदू पलायन कर रहे हैं। हिंदू मंदिर, मठ, आश्रम उनको खंडित कर दिया गया, मूर्तियों को तोड़ दिया गया, मंदिर बगीचियों को कचराघर बना दिया गया और साथ ही कई स्थानों पर मंदिर के पुजारीयो की हत्या भी कर दी गई। उनके हत्यारे छूट भी गए हैं।
अखिल भारतीय संत समिति निरंतर उन पुराने स्थानों को खोजने और उनके लिए वहां के स्थानीय प्रशासन को पुलिस को अधिकारियों का अवगत कराने का कार्य कर रही है। इस कार्य को रोकने के लिए राजनीतिक दबाव में प्रशासन के द्वारा मंदिरों के पुजारीयो, संतो को अब नोटिस दिए जा रहे हैं। पाबंद करने की लिए रोक लगाने के लिए प्रशासन दबाव बना रहा है साथ ही स्थिति यह हो गयी है कि अपने ही आश्रम हाथोज धाम स्थान से निकलते ही पुलिस पीछे लग जाती है, जहां जाते हैं वहां पुलिस पहले से पहुंच जाती है। जब जयपुर शहर के परकोटे में प्रवेश करते हैं तब ही पुलिस वाले वहां अकारण ही रोक देते हैं साथ ही पुलिस वहाँ से वापस गाड़ी लगाकर अकारण ही अपने यथास्थान पर छोड़ देती हैं। यह निरंतर पिछले कुछ दिनों से चल रहा है। पुलिस प्रशासन पुजारीयो एवं संतो को प्रताड़ित कर रही है।
इसी को लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने आज राजस्थान के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर कहा कि कृपया आप इस मामले में अतिशीघ्र संज्ञान लीजिए और हमारी पीड़ा को माननीय राष्ट्रपति महोदय तक पहुंचाइये। हमें किस तरीके से अपने देवी-देवता एवं हिंदू मंदिर-सनातनियों के स्थान की रक्षा करनी एवं उनकी खोजबीन कर उनका बचाव व संरक्षित करना हैं। ऐसे करीब 100 से ऊपर प्राचीन स्थान है परकोटे में, जिन स्थानों को अराजक तत्वों द्वारा खुर्द-बुर्द कर दिया गया है एवं वर्तमान में उनकी स्थिति दयनीय है। मौके पर आप भी स्वयं जाकर देखकर आए। हम तो इतनी सी मांग कर रहे हैं कि प्रशासन हमारा सहयोग करें और हमारे इन प्राचीन मंदिरों को सुरक्षित करने के लिए हमारी मदद करें, बस यही हम चाह रहे थे, लेकिन प्रशासन हमें नोटिस देकर इस मामले को दबाना चाह रहा है।”