सुशासन देने में ब्यूरोक्रेसी का सकारात्मक सहयोग जरूरी : मुख्यमंत्री

3 अप्रैल, 22 जयपुर। आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चाहे केन्द्र हो या राज्य सरकारें सुशासन देने के लिए ब्यूरोक्रेसी का सकारात्मक सहयोग जरूरी है। जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी दोनों ही जनता के ट्रस्टी हैं। ट्रस्टी के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि आमजन के हित में फैसलें लें और योजनाओं को प्रभावी रूप से आखिरी छोर पर बैठे गरीब तक पहुंचाएं।

मुख्यमंत्री गहलोत रविवार को आरएएस क्लब में राजस्थान प्रशासनिक, पुलिस और लेखा सेवा के अधिकारियों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरा हमेशा प्रयास रहा कि आमजन के हित में फैसले लिए जाएं। इस वर्ष के बजट में इसी उद्देश्य के साथ जन कल्याणकारी प्रावधान किए गए हैं। इतना अच्छा बजट देने में वित्त विभाग के अधिकारियों का भी सहयोग महत्वपूर्ण था। अगला बजट इससे भी शानदार आएगा, इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी आमजन से जुड़े मुद्दों पर फीडबैक लें और उन्हें सुझाव के रूप में प्रस्तुत करें ताकि जन कल्याणकारी बजट तैयार करने में मदद मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिया गया है। अपने जीवन के 30-35 साल सरकार को देने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारी को अपने बुढ़ापे में किसी तरह की चिंता नहीं रहे और उसे सामाजिक सुरक्षा मिले, यह सोचकर हमने ओपीएस को प्रदेश में लागू किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन लागू कर दी है। इसके अलावा चार-पांच राज्य सरकारों ने एनपीएस के रिव्यू के लिए कमेटी बनाई है। कर्मचारी हित में केन्द्र सरकार को भी पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए।
श्री गहलोत ने कहा इस वर्ष के बजट प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के साथ जुट जाएं। उन्होंने कहा कि मेरे पिछले कार्यकाल में 17 साल से अटकी पड़ी आरएएस से आईएएस में प्रमोशन प्रक्रिया में आ रही अड़चनें दूर करते हुए पदोन्नति दिलाई। राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को सुपर टाईम स्केल एवं हायर सुपर टाईम स्केल मिले। राजस्व बोर्ड में आरएएस को सदस्य बनाया और जिलों में पहली बार आरएएस को कलेक्टर लगाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएएस, आरपीएस एवं लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर रखी गई मांगें हमारी सरकार ने पूरी की हैं। आगे भी उनकी उचित मांगों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवाओं में उच्चत्तर वेतन श्रृंखला में जो पद रिक्त हैं, उन्हें भरने के लिए नियमों का सरलीकरण किया जाएगा, उपखण्ड स्तर पर एसडीएम की भूमिका को प्रभावी बनाते हुए उनके कार्यालयों में रिक्त पड़े मंत्रालयिक कर्मचारियों के पद भरे जाएंगे और उन्हें वांछित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

पूर्व शिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को कर्मचारी वर्ग और उनका परिवार हमेशा याद रखेगा। उन्होंने अधिकारियों को आह्वान किया कि वे बजट घोषणाओं को पूरा करने और इनका लाभ आमजन तक पहुंचाने में जी-जान से लग जाएं।
मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा ने कहा कि वर्ष 2022-23 का बजट ऐतिहासिक बजट है, जिसमें सभी वर्गों के कल्याण के प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी सरकार का मेरूदण्ड हैं और बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने के लिए उन्हें टीमवर्क के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने कलेक्टर के रूप में अपनी पोस्टिंग के दौरान आरएएस अधिकारियों द्वारा मिले सहयोग को भी याद किया।
आरएएस एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष श्री शाहीन अली खान ने आरएएस से आईएएस में पदोन्नति की बाधाओं को दूर करने, कैडर रिव्यू सहित राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को दी गई सौगातों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और आरएएस अधिकारियों की मांगों को प्रभावी अंदाज में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री गौरव बजाड़ ने भी कर्मचारी हित में लिए गए फैसलों के लिए आभार जताया। राजस्थान पुलिस सेवा परिषद् के अध्यक्ष श्री रघुवीर सैनी एवं राज्य लेखा सेवा परिषद् के अध्यक्ष श्री हृदयेश कुमार जुनेजा ने अपने-अपने कैडर को दी गई सौगातों एवं मांगों का विवरण प्रस्तुत किया।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने क्लब के स्पोर्टस् एरिया, रेस्टोरेंट सहित विभिन्न सुविधाओं का अवलोकन किया। क्लब पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को उनका क्लब सदस्यता कार्ड भी भेंट किया गया।

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