सबूत पेश करे अन्यथा जनता से माफी मांगे – सतीश पुनियाँ

जयपुर, 12 जून। भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने आज भाजपा प्रदेश कार्यालय पर प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर पाॅलिटिकल ड्रामा कर रहे है और वे ही इसके मुख्य सूत्रधार है। वे षडयंत्रपूर्वक अनर्गल एवं तथ्यहीन बातें कर रहे है। वे दिमागी तौर पर असंतुलित है

इसीलिए ऐसी तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे है। मुख्यमंत्री गहलोत के पास विधायकों की हाॅर्स ट्रेडिंग के कोई सबूत है तो साबित करें, नहीं तो प्रदेश की जनता और विधायकों से माफी मोंगे। विधायकों की हाॅर्स ट्रेडिंग को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत के बयानों से लग रहा है कि ‘‘चोर की दाढ़ी में तिनका’’ है। सीएम गहलोत या तो ड्रामा बंद करें, नहीं तो उनके झूठ का जवाब देने के लिए हमारे पास भी कानूनी रास्ते खुले है।

डाॅ. पूनियां ने मुख्यमंत्री गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान की राजनीति में जो राजनैतिक वायरस फैलाया है, वो बेहद ही खतरनाक है और खुद अशोक गहलोत को इस वायरस से बचने के लिए योग, प्राणायाम एवं चिकित्सकीय परामर्श की आवश्कता है।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि राजस्थान में सचिन पायलट का आगमन मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा के कारण हुआ था। सरकार के शपथग्रहण समारोह में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं डिप्टी सीएम सचिन पायलट की अन्तर्कलह सामने आई थी, उसके बाद मंत्रिमण्डल विस्तार में भी दोनों के मतभेद साफ जाहिर हुए थे और इनकी इसी लड़ाई के कारण प्रदेश का मंत्रीमण्डल 20 दिन तक लटका हुआ था, जिससे पूरा प्रदेश वाकिफ है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए डाॅ. पूनियां ने कहा कि राजस्थान में पिछले 18 महीने से शासनकाल में इन्होंने लूट और झूठ के अलावा कुछ नहीं किया। प्रदेश कांग्रेस संगठन में एवं राज्य सरकार में किस तरह की गुटबाजी है इसके बारे में किसी भी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। आप इनकी सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, विधायक हेमाराम, भरत सिंह, विरेन्द्र सिंह के बयानों से स्पष्ट तौर पर पता लगा सकते है कि किस तरह मुख्यमंत्री गहलोत की कार्यशैली से इनकी सरकार के भीतर एवं बाहर नाराजगी है।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ना केवल कार्यक्रमों में बल्कि मीडिया के सामने भी कानून व्यवस्था एवं मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े कर चुके है। जिसमें मण्डावा की जनसभा में पायलट द्वारा दिया गया सम्बोधन देख लें या फिर कोटा के सरकारी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर इन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया था। पायलट प्रदेश की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था को लेकर भी राज्य सरकार पर सवाल खड़े कर चुके है।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्ता का दुरूपयोग और धन-बल का इस्तेमाल करके वर्ष 2008 व वर्ष 2018 में बसपा एवं निर्दलीय विधायकों को अंसवैधानिक तरीके से कांग्रेस में शामिल किया था, जिसमें विधायकों पर दबाव ड़ाले जाने की बातें भी सामने आई थी। कोरोना महामारी काल में राज्य सरकार के प्रबन्धन की बात हो या प्रदेश के विकास की बात हो, इन सभी मामलों में सीएम अशोक गहलोत का नेतृत्व नाकारा साबित हुआ। देश में 55 वर्षों तक राज करने वाली कांग्रेस ने लूट और झूठ के अलावा कुछ नहीं किया। इनकी लूट व झूठ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कुशल व मजबूत नेतृत्व से बंद कर दिया है और देश को विकास के नये रास्ते पर लेकर जा रहे है।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि कोरोना प्रबन्धन में राजस्थान में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार का पहाड़ खड़ा कर दिया है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग में जमकर भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है। इनके बारे में आने वाले दिनों में प्रदेश की जनता को पता चलेगा।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि हमारी किसी भी कांग्रेसी, किसी भी दल एवं निर्दलीय विधायकों से कोई बातचीत नहीं हुई, अन्र्तात्मा की आवाज से कोई विधायक भाजपा के साथ आना चाहें तो हम उनका स्वागत करते है।

मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान का कोई भी विधायक बिकाऊ नहीं है, मुख्यमंत्री ने स्वयं ही विधायकों की कीमत तय की है। वे अपनी सरकार की नाकामियों एवं कोरोना प्रबन्धन की नाकामियों को छुपाने के लिए बार-बार मीडिया में मनगढ़ंत बयान देकर खुद ही अपनी पार्टी के विधायकों की कीमत बता रहे है, उनको बदनाम कर रहे है, इसको लेकर उन्हें प्रदेश के सभी विधायकों से माफी मांगनी चाहिए।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने ना तो प्रदेश के किसानों की कर्जमाफी की है, ना ही प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया और ना ही कोरोना काल में वे 3 महीने के आमजन के बिजली-पानी के बिल माफ कर रहे है, जिसको लेकर हम बार-बार राज्य सरकार से मांग कर रहे है। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर डाॅ. पूनियां ने कहा कि प्रदेश में संगीन अपराधों में दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है। राजधानी जयपुर से लेकर प्रदेशभर में लूटपाट, हत्या, डकैती, गैंगरेप, चैन स्नैचिंग इत्यादि अपराधों में बढ़ोतरी होती जा रही है लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जो खुद प्रदेश के गृहमंत्री भी है उनका ध्यान अपराधों के नियंत्रण पर बिल्कुल भी नहीं है। ऐसे में उनको गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत मोदी-शाह फोबिया से त्रस्त है, वे भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री पर अनर्गल बयानबाजी एवं झूठे आरोप लगाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास करते रहते है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल प्रबन्धन की प्रशंसा ना केवल दुनियाभर के देशों ने की बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी की।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि लोकतंत्र बचाने का झूठा स्वांग रचने वाले सीएम अशोक गहलोत तो आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कुचलने वाली इन्दिरा गाँधी के मंत्रीमण्डल में मंत्री रहे है। कांग्रेस की सरकारों ने अनुच्छेद 356 का विपक्षी दलों की विभिन्न राज्यों की सरकारों को गिराने के लिए 93 बार दुरूपयोग किया था। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व से परेशान होकर भाजपा में आये। ऐसे ही प्रदेश में भी करीब 2 दर्जन से ज्यादा कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री गहलोत से दुःखी व परेशान है।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि अशोक गहलोत ना केवल भाजपा बल्कि अपने ही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी बदनाम करने का षडयंत्र कर रहे है। वो अपने स्वार्थ में राजस्थान जैसे गौरवशाली प्रदेश की भी बदनामी करवाने से नहीं चूक रहे है।

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