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सभी विश्वविद्यालयों को एक डेशबोर्ड पर लाना है – राज्यपाल मिश्र

जयपुर, 24 जून। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने सभी विश्वविद्यालयों को एक डेशबोर्ड पर लाये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। राज्यपाल ने कुलपतियों का आव्हान किया है कि सभी विश्वविद्यालय इन्टीग्रेटेड  यूनिवर्सिटी मैनेजमेन्ट सिस्टम को लागू करें ताकि सभी विश्वविद्यालयों को समन्वित रूप से एक इन्टीग्रेटेड पोर्टल से जोडा जा सके।

राज्यपाल ने कहा है कि सभी विश्वविद्यालयों के संविधान पार्कों में संविधान स्तम्भ बनाया जायेगा।

राज्यपाल मिश्र ने बुधवार को यहां राजभवन से प्रदेश के सभी 27 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से संवाद किया। राज्यपाल मिश्र प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से निरन्तर संवाद कर रहे हैं। राज्यपाल मिश्र ने इससे पहले फरवरी और अप्रेल माह में भी कुलपतियों से संवाद किया।

राज्यपाल ने कहा कि कोविड19 से उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार की नीति के अनुसार परीक्षा, परिणाम और प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करके फिर से शैक्षणिक माहौल बनायें। श्री मिश्र ने कहा कि समग्र उत्कृष्टता के लिए विश्वविद्यालयों को योजनाबद्व तरीके से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि संसाधनों का समुचित उपयोग करें। शैक्षणिक उत्थान के लिए आने वाले परिवर्तनों का अध्ययन करें और भविष्य में चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए रणनीति बनायें। राज्यपाल ने कहा कि कुलाधिपति के रूप में विद्यार्थियों एवं युवाओं की प्रगति के लिए उनका चिंतन लगातार जारी रहता है। राज्यपाल ने कोविड-19 के चलते सेन्टर फार मोनिटरिंग ऑफ इण्डियन इकोनोमी द्वारा जारी किये गए आकंडो पर चिंता जताई।

राज्यपाल ने कहा कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण है। उन्होेंने कहा कि शिक्षा के तरीकों को बदलना होगा। छात्रों से निरन्तर संवाद करना होगा। संवाद के तरीके व लक्ष्य भी तय करने होगें। राज्यपाल ने कहा कि परीक्षा मूल्यांकन और परिणाम सभी विश्वविद्यालय विधिक रूप से स्वायतत्ता के अनुरूप सम्पन्न करायें।

राज्यपाल ने कहा कि अधिकांश विश्वविद्यालय ऑफ लाइन परीक्षा कराना चाहते हैं तो वे कोविड-19 के तहत विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सुरक्षा के प्रति सावधनियों को आवश्यक रूप से सुनिश्चित कर लें। उन्होंने कहा कि  सेनेटाइजेशन व थर्मल स्केनिग की व्यवस्था होना आवश्यक है। कुलाधिपति ने कहा कि सभी की सुरक्षा सर्वोपरि है। बच्चों, शिक्षकों और कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा प्रद्वत्त मेडीकल एडवाइजरी का पालन कर परीक्षा कार्य संपादित कराने होंगे।

राज्यपाल ने कहा कि अब प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन ही करना होगा। प्रवेश प्रक्रिया को शीघ्र सम्पन करने की रणनीति बना ले ताकि विश्वविद्यालय आरम्भ होते ही अध्ययन व अध्यापन शीघ्र शुरू किया जा सके।

राज्यपाल ने कहा है कि हमें आनलाइन शिक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। उत्कृष्ट श्रेणी का ई-कन्टेट शिक्षकों द्वारा तैयार होगा।

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के आंकलन के पश्चात यह तय है कि ई लर्निग ही आने वाले समय में शिक्षा का विकल्प है। उन्होंने कहा कि इसी में छात्रों का अधिकतम हित समाहित है।

एक बीघा भूमि पर बनेगे सविधान पार्क- राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में बनने वाले संविधान पार्कों में संविधान स्तम्भ भी बनाया जाये। संविधान पार्क एक बीघा भूमि पर बनेगे। इसमें संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकार और कर्तव्यों के माॅडल के साथ ही संविधान स्तम्भ भी बनेंगे। इस संविधान स्तम्भ में संविधान के बाईस भागों का दिग्दर्शन होगा। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए एक स्थान पर संविधान की सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है।

राजभवन में बनेगा विश्वविद्यालय पार्क – राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में विश्वविद्यालय पार्क बनेगा। इसमें सभी विश्वविद्यालयों द्वारा बनाये गए माॅडल स्थापित होगें। यह माॅडल तकनीक, कला, संस्कृति के नवाचार पर आधारित होगे।

तीन काम निशेष तौर पर करें विश्वविद्यालय – राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय सोलर पैनल लगाये, वाटर हार्वेस्टिंग करे और जल व ऊर्जा की आडिट करायें। राज्यपाल ने कहा कि गोद लिये गांवों में मास्क, ग्लब्ज व सेनेटाइजर की व्यवस्था करे और मानसून से पहले जल संचयन की व्यवस्था भी आवश्यक रूप से कर लेवे।

राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने कुलपति संवाद की रूपरेखा प्रस्तुत की। राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल ने संविधान स्तम्भ की जानकारी दी। जनजाति कल्याण की निदेशक डा. कविता सिंह ने विश्वविद्यालय सामाजिक उत्तरदायित्व की जानकारी दी। ये जानकारी डाॅ. लोकेश चन्द्र शर्मा, सहायक निदेशक, जनसम्पर्क, राज्यपाल राजस्थान ने मीडिया को दी।

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