राजस्थान विधानसभा में गुर्जर आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हुआ

राजस्थान विधानसभा ने राज्य में गुर्जर सहित पांच जातियों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण देने संबंधी विधेयक बुधवार को पारित कर दिया. साथ ही, विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से आरक्षण की इस व्यवस्था को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने की भी अपील की है. राज्य की कांग्रेस सरकार ने यह विधेयक ऐसे समय में पारित कराया है, जब गुर्जर समुदाय के लोग किरौड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे हैं. उनका प्रदर्शन बुधवार को छठे दिन भी जारी रहा.

विधेयक पारित होने के बाद बैंसला ने कहा कि इसपर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति इस विधेयक के बारे में सांसदों, विधायकों और बुद्धिजीवियों से चर्चा करेगी. विधानसभा में पारित विधेयक में राज्य में पांच अति पिछड़ी जातियों (1) बंजारा/ बालदिया/लबाना (2) गाडिया लोहार/ गाडोलिया (3) गुर्जर/गुजर (4) राइका/ रैबारी/ देबासी (5) गडरिया/गाडरी/ गायरी को पांच फीसदी आरक्षण मुहैया करने का प्रावधान किया गया है. साथ ही, राज्य में पिछड़ा वर्ग आरक्षण मौजूदा 21 फीसदी से बढाकर 26 फीसदी करने का भी प्रावधान किया गया है.

राज्य सरकार की ओर से मंत्री बीडी कल्ला ने राजस्थान पिछड़ा वर्ग (राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में सीटों और राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों का आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2019 सदन में पेश किया.

साथ ही, राज्य विधानसभा ने विधेयक को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए एक शासकीय संकल्प भी ध्वनिमत से पारित किया. इसके जरिए केंद्र सरकार से उक्त विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित करने और संविधान में यथोचित संशोधन करने का अनुरोध किया गया है. इस बीच, गुर्जरों का आंदोलन जारी रहने से दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग सहित कई रेल व सड़क मार्ग बंद रहें.

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