पीएम संकट को अवसर में बदलेंगे लेकिन राजस्थान सरकार राशन वितरण में भेदभाव ना करें – अर्जुन मेघवाल

मंगलवार को भारत सरकार के संसदीय कार्य और भारी उद्योग राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने वीडियो काँफ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार वैश्विक कोरोना कोरोना के संकट को भी रोज़गार देने के अवसर में बदलेगी।

मेघवाल ने कहा कि भारत सरकार, मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसी योजनाओं से रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगी। मध्यम और लघु उद्योगों को प्रमोट करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाएँगे। एक्सपोर्ट् को प्रमोट करने की कार्ययोजना बनाएँगे, जिससे कोरोना संकट के कारण देश में रोज़गार जाने की आशंका दुर होगी और नए रोज़गार के अवसर बनेंगे। संकट कितना भी बड़ा क्यों नहीं हो ,देश में किसी भी गरीब और मज़दूर का अहित नहीं होने दिया जाएगा। उनके हित ,सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।

मेघवाल ने कहा कि भारत सरकार ने पर्याप्त संख्या में गेहूँ राज्य को उपलब्ध करवाया है, ज़रूरत पड़ेगी तो और भी करवाएँगे। ज़रूरी ये है की गहलोत सरकार साफ़ नियत के साथ पात्र लोगों को उसका वितरण कर दे। प्रदेश सरकार मज़दूरों को 2500 रुपए देने की बात तो कह रही है पर ये नहीं बता रही है की वो किस मद में से ये पैसा दे रही है। ये पैसा कई सालों से इकट्ठा हुआ बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफ़ेयर का पैसा है। जिसमें से 1 हज़ार रुपए लेबर डिपार्टमेंट और 1 हज़ार 500 रुपए सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने भारत सरकार से इस फ़ंड को कोविड-19 में खर्च करने की अनुमति माँगी थी, और भारत सरकार ने वो अनुमति दी है। इसलिए झूठी वाही-वाही करवाने के बजाय सरकार को कामों में पारदर्शिता रखनी चाहिए।

मेघवाल ने कहा राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की ये एक समुदाय विशेष के तुष्टिकरण में दलितों और आदिवासियों से भी भेदभाव कर रही है। राशन वितरण को लेकर प्रदेश के अनेक इलाक़ों से आयी भेदभाव की सूचनाएँ सरकार की नियत पर संदेह पैदा करती है। समाज की अनेक प्रतिष्ठित संस्थाएँ प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में सरकार को भोजन और राशन पैकेट दान कर रही है, उनके वितरण में भी भेदभाव हो रहा है। कोरोना के इस भीषण संकट से लड़ने की ज़िम्मेदारी केन्द्र, राज्य सबकी है, अगर राज्य सरकार अपने नागरिकों से भेदभाव करेगी तो कैसे कोरोना से लड़ पायेगी। प्रदेश सरकार ना केवल भेदभाव कर रही है बल्कि इसे उजागर करने वाले भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं पर मुक़दमे भी दर्ज कर रही है। सरकार के ग़ैर ज़िम्मेदार मंत्री अपना काम छोड़कर प्रधानमंत्री पर अनर्गल टिप्पणियाँ कर रहे है।

मेघवाल ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है की प्रदेश सरकार की लचर नीतियों के कारण झालावाड़ में एक साथ 100 नर्सिंग कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया। ऐसे समय, जब स्वास्थ्य सेवाएँ और बेहतर होनी चाहिए तब भी प्रदेश सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में स्वास्थ्यकर्मियों और उनके ज़रूरी हितों को नहीं रखा।

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