पेट्रोलियम बाय-प्रोडक्ट्स आधारित उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं : मुख्यमंत्री

12 अप्रैल, 22 जयपुर। आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बाद एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजना है। पचपदरा (बाड़मेर) में रिफाइनरी के साथ ही बन रहे पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों के हब के रूप में विकसित होगा और यहां बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि यहां न सिर्फ तेल निकलेगा, बल्कि इसके साथ-साथ पेट्रोलियम बाय-प्रोडक्ट्स भी निकलेंगे जिससे प्रदेश में निवेश आएगा और विभिन्न उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं पैदा होंगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को राजस्थान रिफाइनरी की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान सहित पूरे प्रदेश के विकास के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी एक बहुत बड़ा सपना है, जिसमें कई बार रूकावटें आईं। क्षेत्र की जनता के लम्बे संघर्ष और हमारी सरकार की कोशिशों के बाद इस परियोजना ने अब गति पकड़ी है जिसे समय पर पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने एचपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि संसाधन बढ़ाकर परियोजना के कार्यों को और गति दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना से जुड़े सभी विभागों एवं एचपीसीएल के अधिकारियों को साथ लेकर एक इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग गु्रप बनाया जाए ताकि रिफाइनरी के साथ पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से संबंधित मुद्दों को समय पर हल किया जा सके। मुख्यमंत्री ने 9 प्रमुख रिफाइनरी यूूनिट्स की प्रगति एवं चार प्रमुख पेट्रो-केमिकल यूनिट्स के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही, रिफाइनरी के आसपास औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने एवं ग्रीनरी विकास के कार्यों में गति लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने युवाओं को यहां छोटी-छोटी इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं एन्सिलियरी यूनिट्स के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से पश्चिमी राजस्थान के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति सुचारू बनाए रखने एवं यहां आने वाले निवेशकों में भरोसा कायम करने की दिशा में समुचित कदम उठानेे, पचपदरा व बालोतरा में भविष्य में नगरीय विकास की संभावनाओं को देखते हुए कार्य योजना बनाने, स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने एवं रिफाइनरी के बाय-प्रोडक्ट्स के बारे में अधिक से अधिक जानकारी आमजन तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
बैठक में खान एवं पेट्रोलियम मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि रिफाइनरी का कार्य तय समय में पूरा हो सके इस संबंध में पेट्रोलियम विभाग की ओर से पूरा सहयोग किया जाएगा। विधायक श्री मदन प्रजापत ने स्थानीय स्तर पर मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के संबंध में सुझाव दिए।

मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा कहा कि रिफाइनरी की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा कई समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर किया गया है ताकि कार्य की गति धीमी नहीं हो।
एचपीसीएल के सीएमडी श्री एम के सुराणा ने परियोजना की विभिन्न इकाइयों की अब तक की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान रिफाइनरी ऑयल सेक्टर में देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। रिफाइनरी एवं पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स निर्माण कार्य साथ-साथ चल रहा है। उन्होंने बताया कि 9 एमएमटीपीए क्षमता की 43,129 करोड़ रूपए लागत की इस रिफाइनरी में अभी तक 15,225 करोड रूपए व्यय कर 43 प्रतिशत कार्य पूरे किए जा चुके हैं। 9 प्रमुख रिफाइनरी यूनिट्स में से 6 यूनिट्स का कार्य मार्च, 2023 तक पूरा हो जाएगा। शेष यूनिट्स का काम भी समय पर पूरा करने का प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट में करीब 20 हजार लोग रोजगार पर लगे हुए हैं। 300 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाले पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स में ग्रीन बेल्ट विकसित किया जा रहा है। रिफाइनरी के पास टाउनशिप, स्कूल एवं हॉस्पिटल बिल्डिंग भी बनाई जाएगी। एचपीसीएल-राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड के सीईओ श्री विखर कमलाकर राजाराम ने बताया कि इस परियोजना में 4 पेट्रो-केमिकल इकाइयां बनाई जा रही हैं।

इस अवसर पर खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुबोध अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. गोविंद शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री आनंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्री टी रविकांत, संभागीय आयुक्त जोधपुर डॉ. राजेश शर्मा, आईजी जोधपुर श्री पी रामजी, कलेक्टर बाड़मेर श्री लोक बंधु एवं बाड़मेर पुलिस अधीक्षक श्री दीपक भार्गव सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!