फर्जी ऑनलाइन ऐप के माध्यम से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का हुआ खुलासा

16 अप्रैल, 22 राजसमन्द। राजस्थान की राजसमंद पुलिस द्वारा फर्जी ऑनलाइन लॉटरी ऐप, ऋण एप और गेम्स एप्स के माध्यम से लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले अंतर राज्य गिरोह का राजनगर थाना पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने मामले में थाना खमनोर हाल मुंबई निवासी ज्वेलर व्यवसायी किशन लाल जैन पुत्र उदयलाल एवं थाना काकरोली राजसमंद निवासी राजमल रेगर पुत्र मेघराज एवं प्रकाश चंद खारोल पुत्र शंकरलाल को गिरफ्तार किया है।

राजसमंद एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि गांव बुरण्ड कुंभलगढ़ निवासी दीपचंद गमेती ने राजनगर थाने में एक रिपोर्ट पेश की। जिसमें बताया कि कम ब्याज पर लोन दिलाने की कहकर राजमल रेगर और प्रकाश खारोल ने लोन के कागज बताकर एक फार्म पर हस्ताक्षर करवाए थे। काफी लंबे समय तक लोन नहीं मिलने पर उसने बैंक जाकर मालूम किया तो पता चला लोन की जगह उसका बैंक में फर्जी चालू खाता खुलवाया गया था। जिसकी चेक बुक, पासबुक व एटीएम कार्ड भी जारी हो रखा है। उसके खाते में करोड़ों रुपए का लेनदेन है। पूछने पर दोनों अभियुक्त किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव लाल बेरवा एवं सीओ बेनी प्रसाद मीणा के निर्देशन तथा थाना अधिकारी डॉ हनुवंत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में टीम गठित की गई।

गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई कर अनुसंधान के दौरान मुंबई व राजसमंद से लोगों को गिरफ्तार किया। राजसमंद निवासी दोनों अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि उन्हें करंट बैंक खाता बेचने पर 50 हजार से 1 लाख रुपये प्रति खाता तथा जीएसटी करंट बैंक खाता बेचने पर 5 लाख से 10 लाख रुपए प्रति बैंक खाता मिला करता है। उन्होंने अब तक कुल 7 फर्जी खाता खुलवा कर बेचे है। गिरफ्तार अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ की जा रही है। जिससे देश भर के अन्य कई मामले खुलने की पूरी संभावना है।

मास्टरमाइंड किशन लाल जैन फिल्मों में लगाता है ठगी की रकम :-

गिरोह का मास्टरमाइंड किशन लाल जैन है। किशनलाल ने साल 2012- 13 में एक फिल्म बनाई। जिसमें उसने 17 करोड़ रुपये लगाए थे। फ़िल्म से उसे घाटा लगा था। किशन लाल मुंबई में एक ज्वेलरी की दुकान करने वाले को ठगी की रकम देता रहता है जो आगे अलग-अलग फिल्मों में इन्वेस्ट करता है। अपने आप को सफेदपोश बनाने के लिए इसने मुंबई में ज्वेलर्स की दुकान कर रखी है और इसके बैकग्राउंड में दुकान में काम करने वालों के परिचितों के नाम से बैंक खाता खुलवा कर ठगी की रकम को उन बैंक खातों में जमा करवा देता है।

इन मोबाइल ऐप के जरिए होती है ठगी :-

पूछताछ में सामने आया कि वैल्थ क्लब नाइन ऑन लाइन लॉटरी एप, कैश कोला ऑनलाइन ऋण एप्प, एओएन ऑनलाइन गेम ऐप, वी 8 फुटबॉल ऑनलाइन गेम ऐप, आईएफबी ऑनलाइन गेम ऐप, टीम लीडर ऑनलाइन गेम ऐप, रमी एवं जंगल रमी ऐप के द्वारा ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता है।

ऐसे देते हैं ठगी की वारदात को अंजाम :-

अभियुक्त सर्वप्रथम लोन जरूरतमंद लोगों को टारगेट करते हैं। उन्हें झांसा देते हैं कि कम ब्याज पर लोन करवा देंगे। झांसे में आने के बाद टारगेट को बैंक में ले जाकर लोन का फार्म बता बैंक खाते के फार्म पर साइन करवा कर अपने साथियों के बताए गए मोबाइल नंबर जुड़वा देते हैं। बैंक पासबुक, चेक बुक और एटीएम कार्ड कोरियर से आने पर बैंक खाते में जुड़वाएं नंबर पर कॉल आता है। कोरियर एजेंट से तीनो चीज़ प्राप्त कर बाद में उसको पार्सल से मुंबई भिजवा देते हैं। मुंबई में बैठे इनके गिरोह के सदस्य पासबुक, चेक बुक व एटीएम कार्ड रिसीव कर लेते हैं।

फर्जी तरीके और लालच देकर बेरोजगार व्यक्तियों के खोले गए खाते के क्यूआर कोड इन फर्जी ऑनलाइन लॉटरी गेम ऋण ऐप व गेम गेम्स ऐप में जुड़वा देते हैं। जिनसे देश भर में कई लोगों को झांसा देकर मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करवा कर उसमें उन्हें पैसे डबल करने का लालच देकर क्यूआर कोड के माध्यम से इन बैंक खातों में पैसे जमा करवा जाते हैं। देशभर से एक ही बैंक खाते में एक ही दिन में करोड़ों रुपए आते हैं। बड़ी रकम जमा होते ही पैसा अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है। बाद में उस रकम को अंतिम स्टेज पर विड्रोल करवा लेते हैं।

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