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ब्याज माफी योजना 30 सितंबर तक बढ़ी – सीएम गहलोत

जयपुर, 1 जुलाई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि विपणन से जुड़े व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए समितियों की और बकाया राशि की वसूली के लिए ‘ब्याज माफी योजना 2019’ की अवधि 30 जून से बढ़ाकर 30 सितम्बर 2020 करने का निर्णय लिया है। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दृष्टिगत कृषि विपणन विभाग की ओर से इस संबंध में प्राप्त प्रस्तावों पर सहमति दे दी है।

प्रस्ताव के अनुसार, राज्य की विभिन्न कृषि मण्डी समितियों की ओर 30 सितम्बर 2019 तक मण्डी शुल्क, आवंटन शुल्क तथा अन्य बकाया सहित कुल 68 करोड़ रूपये की राशि बकाया थी। इस राशि की वसूली के लिए ब्याज माफी योजना के तहत 31 मार्च 2020 तक समस्त मूल बकाया राशि तथा इस पर देय ब्याज की 25 प्रतिशत राशि जमा कराने पर ब्याज पर 75 प्रतिशत छूट दी गई थी। पूर्व में, कोविड-19 महामारी के कारण माफी योजना की अवधि 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून की गई थी, जिसे अब 30 सितम्बर, 2020 तक बढ़ाया गया है।

इसी प्रकार, प्रसंस्करण के लिए राज्य के बाहर से आयातित जिन्सों एवं चीनी पर बकाया मण्डी शुल्क के लिए भी शुल्क माफी योजना शुरू की गई थी, जिसकी अवधि 30 जून, 2020 तक थी। कोविड-19 महामारी के कारण इस माफी योजना की अवधि भी 30 सितम्बर 2020 तक बढ़ाई गई है।

गौरतलब है कि राज्य के बाहर से प्रसंस्करण के लिए अप्रैल 2005 से दिसम्बर 2019 के बीच मंगवाई गई कृषि जिन्सों पर बकाया मण्डी शुल्क का 50 प्रतिशत एवं समस्त ब्याज तथा पैनल्टी राशि माफ करने के लिए 28 फरवरी 2020 को ‘कृषि प्रसंस्करण प्रयोजनार्थ राज्य के बाहर से आयातित कृषि जिन्सों व चीनी पर बकाया मण्डी शुल्क माफी योजना’ लागू की गई थी। इस योजना की अवधि 31 मार्च तक थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन केे कारण सम्बन्धित प्रसंस्करण इकाइयां इस योजना का प्रभावी लाभ नहीं ले सकीं, जिस कारण इसे 30 जून, 2020 तक बढ़ाया गया और अब इसकी अवधि 30 सितम्बर, 2020 की गई है।

विभिन्न संगठनों की मांग पर दोनों मण्डी शुल्क माफी योजनाओं की अवधि बढ़ाई गई है। इन निर्णयों से फल-सब्जी तथा कृषि उपज मण्डियों के व्यापारियों और कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को लाभ होगा।

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