मशहूर संगीतकार खय्याम का 93 वर्ष की उम्र में निधन

भारतीय फ़िल्मी जगत के मशहूर संगीतकार मोहम्मद जहर उर्फ़ “खय्याम” हाशमी अब इस दुनिया में नहीं रहे. मुंबई के एक निजी अस्पताल में सोमवार रात करीब 10 बजे दिल का दौरा पड़ने के उनका निधन हो गया. वे 93 वर्ष के थे. फेफड़ो में संस्क्रमण के कारण पिछले कई महीनों से वो अस्वस्थ थे जिसके बाद 16 अगस्त को अचानक उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. उनका सबसे मशहूर गीत ” करोगे याद तो हर बात याद आयेगी.” खय्याम ने 17 वर्ष की छोटी आयु में ही संगीतकार के रूप में अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू किया था. उन्होंने हाल ही में हुए शहीदों पर हमले में मारे गये जवानों को सहायता राशी दान की थी.

खय्याम का जन्म 18 फरवरी 1927 को आजादी के पहले के पंजाब प्रान्त के नवाशहर जिले के राहों में हुआ था. उनका असली नाम सहादत हुसैन था. उनका बचपन में पढाई में बिलकुल मन नही लगता था, उन्हें शुरू से ही संगीत में रूचि थी. खय्याम संगीत सीखने के लिए अपने घर से भाग कर दिल्ली में अपने चाचा के घर आ गये. फिल्मों में उनकी रूचि देखकर उनके चाचा ने उन्हें संगीत सीखने की इजाजत दे दी और उन्हें पंडित अमरनाथ से संगीत सिखा कर, वे मशहूर पंजाबी संगीतकार बाबा चिश्ती के पास पहुच गए और उनको अपनी एक रचना सुनाई जिसके बाद उन्हें चिश्ती ने अपना सहायक बना लिए उसके बाद उन्होंने पीछे मूड कर नहीं देखा. उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में संगीतकार के तौर पर काम किया है.

खय्याम को अपने जीवनकाल में कई पुरष्कारों से नवाज़ा गया, जैसे 1977 में फिल्म कभी-कभी, 1982 में फिल्म उमराव जान, 2007 में एसएनए ने प्रयोगात्मक संगीत के लिए, 2010 में फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड और 2011 में उन्हें पद्म भूषण से भी नवाज़ा गया. पीएम मोदी ने ट्विट करके खय्याम के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनका जाना फिल्म और कला जगत की बहुत बड़ी क्षति है.

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