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J&K पर आया केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, धारा 370 को हटाया

पिछले कुछ दिनों से जम्मू और कश्मीर पर चले आ रहे राजनीतिक घमासान और संशय के बाद आज सोमवार को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर से धारा  370 को हटाने सम्बन्धी राजयसभा में प्रस्ताव रखकर इस पर पूर्ण विराम लगा दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने सदन को बताया कि इस प्रस्ताव के तहत जम्मू और कश्मीर से धारा 370 के कुछ खंड हटाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा हैं और लद्दाख को J&K से अलग किया जा रहा है और लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है.

पिछले कुछ दिनों से J&K में सुरक्षा को लेकर 10000 सेना के जवानों को भेजा गया था जिसके बाद से ही J&K में सेना की हलचल, अमरनाथ यात्रा बीच में रोकना और सभी पर्यटकों को जल्द से जल्द बहार निकलने के निर्देश के साथ ही वहां पढ़ रहे बाहरी छात्रों को भी निकलने को कहा गया था इससे वहां के क्षेत्रीय राजनितिक दलों में खलबली मच गयी, वे इस बीच कई बार सर्वदलीय बठैक हुई, जनता को भड़काने के लिए गलत बयानबाजी भी हुई इसके बाद वे सरकार से J&K पर संसद में अपना रुख साफ करने की मांग करने लगे जिसे आज गृहमंत्री से पूर्ण विराम दे दिया है. देर रात करीब 1 बजे सभी मुख्य दलों के नेताओं सहित मेहबूबा मुफ़्ती और अब्दुल्ला परिवार को उनके घर में ही नज़रबंद कर दिया गया और धारा 144 की घोषणा कर दी गई जिससे धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां शांति व्यवस्था बनी रहे इससे सम्बन्धित पहले से ही केंद्र सरकार ने तैयारी पूरी कर ली थी.

सोमवार राज्यसभा में जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष गुलाब नबी आजाद ने कश्मीर में बढ़ रही सेना की गतिविधियों और रविवार रात पूर्व मुख्यमंत्रियों को नज़र बंद करने का मामला उठाते हुए इस पर सरकार से चर्चा की मांग की और सरकार  से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण माँगा, इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वे उन सभी बातो का जवाब सदन में देंगे और सभापति से अनुमति लेते हुए जवाब देने से पहले ही J&K से धारा 370 के कुछ खंडो को हटाने की बात कहते हुए धारा 370 हटाने का विधेयक पेश किया। इस पर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया वही पीडीपी के सांसद ने इसे असंवैधानिक बताते हुए अपने कपडे फाड़ने लगे और सदन के वेल में नारे लगाने लगे जिसे पश्चात् सभापति को सदन में मार्शल बुलाने की अनुमति देनी पड़ी. गृह मंत्री अमित शाह से सदन में ये भी कहा कि आजादी के बाद से J&K को सबसे ज्यादा रूपये दिए गये है इसके बावजूद वहां की जनता अभी भी विकास के आभाव में ही जी रही है क्योंकि सारा रुपयों का आनंद सिर्फ 3 राजनीतिक परिवारों ने ही उठाया है, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि केंद्र सरकार ऐसा नहीं होने देगी और गैर आरक्षित वर्गों के युवाओं को सरकारी नौकरी में 10% का आरक्षण दिया जायेगा।

वही कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष गुलाब नबी आजाद धारा 370 हटाने को संविधान की हत्या बताते हुए सदन से वॉकआउट किया। जहां इस बिल के विरोध में कांग्रेस, टीएमसी और पीडीपी थी वही सरकार के साथ इस बिल को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया।एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने इस बिल का विरोध किया वही शिवसेना से इस बिल का स्वागत किया है.

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