देश की जन्नत हुई पूर्ण आजाद, अनुच्छेद 370 ख़त्म

देश की संसद में कल एक ऐतिहासिक दिन दर्ज़ हुआ है क्योंकि कल देश की आजादी के 70 वर्षो बाद से चले आ रहे सबसे बड़े विवाद (जम्मू और कश्मीर) धारा 370 (1 ) को छोड़कर बाकि सभी विवाद को राज्यसभा में पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया गया है. कल देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पेश किया, जिस पर पुरे दिन चर्चा के बाद ये बिल दो तिहाही बहुमत से राज्यसभा में पास हो गया है. पुरे दिन हुए चर्चा के बीच हुए राज्यसभा में राजनितिक घमासान होता रहा जहाँ पीडीपी के सांसद ने अपने कपडे फाडे वही कांग्रेस के सांसदों ने वेल में आकर हंगामा और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके बाद सभापति को राज्यसभा में मार्शल को बुलाना पड़ा. इस बिल में मुख्यत 4 बड़े फैसले लिए गए है जिसमे 1. अनुच्छेद 370 ख़त्म (खंड-1 छोड़कर) और 35ए स्वत: खत्म, 2. जम्मू-कश्मीर से लद्दाख अलग हुआ और अब दोनों जगह उपराज्यपाल होंगे, 3. जम्मू-कश्मीर अब विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश, 4. लद्दाख अब बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश।

अगर पुराने इतिहास को याद किया जाये तो श्याम प्रसाद मुखर्जी ने अक्टूबर, 1950 में कहा था कि ” एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे।” राजयसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने ये भी कहा कि विरोध करने वाले कुछ राजनितिक दलों के नेता भी इस बिल के समर्थन में है जिसमे कुछ कांग्रेस के भी है. जहां इस बिल के पक्ष में बीजेपी, लोजपा, आरपीआई, बसपा, अकाली दल, बीजद, शिवसेना, एआईडीएमके, टीडीपी, आप, अगप, वाईएसआर, बीपीफ और तेलंगाना राष्ट्र समिति रही वही विरोध में कांग्रेस के साथ एमडीएमके, टीएमसी, मुस्मिल लीग, द्रमुक, राजद, सपा, केरल कांग्रेस और वामपंथी दल थे वही वोटिंग के दौरान टीएमसी के साथ एनसीपी और जेडीयू सदन के बहार रहे. राज्यसभा में चर्चा के बाद शाम को वोटिंग में बिल के पक्ष में 125 वोट मिले वही विरोध में 61 वोट मिले जिसके बाद बिल को दो तिहाही बहुमत से पारित कर दिया गया. मंगलवार को इस बिल को लोकसभा में पेश किया जायेगा माना जा रहा है कि लोकसभा में बिल पेश करना महज एक औपचारिकता मात्रा है क्योंकि सरकार का खुद का बहुमत है लोकसभा में और बिल वहां भी पास हो जायेगा।

अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद क्या परिवर्तन हुआ है वो इस प्रकार है – 1. पहले अलग संविधान और अलग झंडा था लेकिन अब भारतीय संविधान और तिरंगा ही लहरायेगा, 2. पहले विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का था लेकिन अब सभी राज्यों की तरह 5 वर्ष का होगा, 3. पहले बाहरी लोग सम्पत्ति नहीं खरीद सकते थे लेकिन अब देश को कोई भी नागरिक संपत्ति खरीद पायेगा, 4. पहले दोहरी नागरिकता थी लेकिन अब एकल भारतीय नागरिकता होगी सिर्फ, 5. पहले राज्यपाल था लेकिन अब दो उपराज्यपाल (J&K और लद्दाख) होंगे, 6. पहले महिला के दूसरे राज्य में शादी करने पर उसकी नागरिकता और संपत्ति में अधिकार खत्म होते थे लेकिन अब महिला की नागरिकता और संपत्ति में अधिकार पहले की तरह बने रहेंगे, 7. 10% आरक्षण लागू नहीं था लेकिन अब बाहरी नौकरी पा सकेगा और 10% कोटा भी, 8. पहले भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट के कानून लागू नहीं होते थे लेकिन अब अब सभी कानूनों के साथ भ्रष्टाचार निरोधक कानून भी लागू होगा।

कुछ विरोधी राजनितिक दलों के नेताओं के बयान भी सामने आये है, जहाँ पीडीपी प्रमुख मेहबूबा मुफ़्ती ने कहा कि “370 के निरस्त होने से कश्मीर का भारत में विलय न केवल शुन्य हो गया है बल्कि इससे भारत जम्मू-कश्मीर पर कब्ज़ा ज़माने वाले बल के रूप में बदल गया है.” वही कांग्रेस के नेता गुलाब नबी आजाद ने कहा कि ” धारा 370 ख़त्म करके बीजेपी ने देश का सिर काट दिया है. देश के इतिहास में यह काला दिन है.”

इस बिल के राज्यसभा में दो तिहाही बहुमत से पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह को बधाई दी और उनकी पीठ थपथपाई। इस बिल के पास होने के बाद से जम्मू-कश्मीर के साथ साथ पुरे देश में ख़ुशी का माहौल है लोगो ने एक दूसरे को बधाई दी और मिठाई खिलाई वही कश्मीरी पंडितों ने भी देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बधाई दी.

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