बिना किसी दबाव के कार्य करे पुलिस: मुख्यमंत्री

16 अप्रैल, 22 जयपुर। राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि पुलिस अधिकारी बिना किसी दबाव के राज्य सरकार के संवेदनषील, पारदर्षी और जवाबदेह प्रषासन प्रदान करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लोगों के जान-माल और उनके सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

सीएम गहलोत शनिवार को राजस्थान पुलिस अकादमी परिसर में राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित परेड़ के निरीक्षण के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी जवानों एवं अधिकारियों को राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस की बधाई दी। साथ ही, कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने कर्तव्य निर्वहन के लिए राजस्थान पुलिस की देश भर में एक अलग पहचान है। अपने ध्येय वाक्य को आत्मसात करते हुए राजस्थान पुलिस प्रदेश में अपराधों पर अंकुश लगाने और कमजोर-पीड़ित व्यक्ति को त्वरित न्याय दिलाने के दायित्व का पूरे समर्पण के साथ निर्वहन करे। पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी यह बात हमेशा अपने जेहन में रखें कि परिस्थितियां कैसी भी हों किसी भी व्यक्ति के साथ नाइंसाफी नहीं हो।

पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने की दिशा में उठाए कदम
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में प्रभावी फैसले लिए हैं। पुलिस की दक्षता और कार्यक्षमता बढाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। संसाधनों को लेकर कोई कमी नहीं रखी जा रही है। आमजन की सुविधा व उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी थानों में स्वागत कक्षों का निर्माण किया जा रहा हैै। अभी तक 731 थानों में स्वागत कक्ष बनकर तैयार हो चुके हैं। महिलाओं के विरूद्ध लैंंिगक अपराधों के मामलों में त्वरित अनुसंधान पर जोर दिया जा रहा है। इससे अनुसंधान के समय में कमी आई है। वर्ष 2019 में अनुसंधान में जहां औसत 129 दिन लगते थे, अब मात्र 79 दिवस में अनुसंधान कार्य पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवादी को न्याय दिलाने के लिए आवष्यक निर्बाध पंजीकरण लागू होने के बाद काफी बदलाव आया है। वर्ष 2017 में दुष्कर्म के 33.4 प्रतिषत मामले कोर्ट के माध्यम से दर्ज होते थे, अब इनकी संख्या घट कर आधी से भी कम यानि 16 प्रतिषत रह गई है।
50 करोड़ की लागत से बनेगा सेंटर फाॅर साइबर सिक्योरिटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर कर आए हैं। इससे प्रभावी रूप से निपटने के लिए हमारी सरकार ने वर्ष 2022-2023 के बजट में प्रदेश के सभी जिलो में साइबर पुलिस थाने स्थापित करने का निर्णय लिया है। साइबर अपराधों की रोकथाम, डिजिटल इको-सिस्टम की साइबर खतरों से सुरक्षा और आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से 50 करोड़ रूपये की लागत से सेंटर फाॅर साइबर सिक्योरिटी की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार ने 108 एम्बूलेंस की तर्ज पर डायल 100 एवं डायल 112 से जोड़ते हुए 500 पुलिस मोबाईल यूनिट गठित करने का निर्णय लिया है। अभय कमांड एंड कन्ट्रोल सेंटर से जुडे कैमरों की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार की जाएगी। साथ ही, बड़े निजी संस्थानों और व्यावसायिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया जा रहा है।

अच्छा कार्य करने वालों को मिलेगा प्रोत्साहन :-

मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों व अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हाल ही करौली में एक कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा द्वारा कर्तव्य निर्वहन करते हुए आग से घिरे 4 लोगों की जान बचाने की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उसे राज्य सरकार ने हैड कांस्टेबल पद पर पदोन्नत करने का फैसला किया। उन्होंने सिरोही के कांस्टेबल लाभूसिंह की भी प्रशंसा की जिसने अपनी सतर्कता से सीसीटीवी कैमरे की सहायता से बच्ची के साथ दुष्कर्म होने से बचाया।

सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर में लगे लाॅकडाउन के दौरान पुलिस ने प्रभावी भूमिका निभाई। संक्रमण से लड़ रही जनता ने राजस्थान पुलिस का मानवीय चेहरा देखा। आने वाले समय में कई नई चुनौतियों से हमारा सामना होगा लेकिन सभी को दुगने उत्साह एवं समर्पण के साथ नागरिकों की सुरक्षा के लिए कार्य करते रहना होगा जिससे पुलिस का इकबाल हमेशा बुलन्द रहे। उन्होंने विश्वास जताया कि राजस्थान पुलिस जन सेवा के ध्येय के साथ हमेषा की तरह तन-मन-धन से समर्पित रहकर देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस बल के रूप में अपनी पहचान कायम रखेगी।

पुलिस खेल बजट बढ़ाकर 2 करोड़ रूपए करने की घोषणा :-

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पुलिस का खेल बजट 50 लाख रूपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रूपए तथा पुलिस उत्सवों के आयोजन का फंड 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रूपए की घोषणा की।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने पुलिस स्थापना दिवस पर प्रोबेशनर आईपीएस श्री मनीष कुमार के नेतृत्व में आयोजित भव्य परेड का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में एडीजी पुलिस मुख्यालय श्री सौरभ श्रीवास्तव, एडीजी आईटीबीपी श्री हेमंत प्रियदर्शी, एडीजी पुलिस कल्याण श्री गोविन्द गुप्ता, एडीजी टेली कम्यूनिकेशन श्री सुनिल दत्त, सेवानिवृत्त प्लाटून कमांडर श्री हवा सिंह एवं सेवानिवृत्त हैड कांस्टेबल श्री बनवारी लाल को राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया। इसके अलावा 61 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। श्रीगंगानगर जिले के जैतसर थाने को सर्वश्रेष्ठ थाने का पुरस्कार दिया गया।

पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर ने कहा कि राज्य सरकार ने इस बजट में पुलिस विभाग के लिए अपेक्षा से ज्यादा घोषणाएं की है। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने अपने पहले कार्यकाल में पुलिस की पासिंग आउट परेड़ एवं अन्य उत्सवों के आयोजन के लिए फंड दिया था। अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने थानों की नफरी बढ़ाकर शहरी क्षेत्र में 60 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 45 करने का साहसिक निर्णय लिया। जयपुर एवं जोधपुर में पुलिस कमिश्नरेट गठित की और पुलिस मुख्यालय को नया भवन मिला। मुख्यमंत्री श्री गहलोत के वर्तमान कार्यकाल में एएसआई के पदों में वद्धि, हर जिले में साइबर थाना खोलने, मोबाइल इनवेस्टिगेशन यूनिट की शुरूआत तथा हर पुलिसकर्मी को अपने सेवा काल में तीन प्रमोशन सुनिश्चित करने जैसे कदम उठाए गए हैं। अंत में आरपीए के निदेशक श्री राजीव शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री अभय कुमार, डीजी इंटेलिजेंस श्री उमेश मिश्रा, डीजी एसीबी श्री बीएल सोनी, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अजीत सिंह, श्री ओमेन्द्र भारद्वाज सहित एडीजी, आईजी, डीआईजी एवं एसपी रैंक के अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!