अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

दिल्ली में कल मंगलवार को मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को मंजूरी दे दी हैं। देश मे पिछले कई दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) पर मचे हंगामे के बीच मोदी सरकार ने इसे मंजूरी दे दी।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) अगले वर्ष 1 अप्रैल 2020 से पूरे देश मे लागू किया जायेगा। NPR तीन चरणों मे पूरा होगा। केंद्र सरकार ने NPR के लिये लगभग 12000 करोड़ रुपये आवंटन किया हैं जिसमे जनगणना एवं एनपीआर का उपडेशन शामिल हैं। एनपीआर में केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी मिलकर एक ऐप्प के जरिये घर-घर जाकर नागरिकों का विवरण संकलित करेंगे। पूछताछ के दौरान व्यक्ति द्वारा दी गयी जानकारी को ही सही मान लिया जाएगा। 6 महीने से ज्यादा एक स्थान पर रहने वाले को इसमें शामिल होना अनिवार्य होगा। इसके लिए किसी को कोई दस्तावेज नहीं देना पड़ेगा।

एनपीआर में सरकार द्वारा ये जानकारी दर्ज होंगी। स्थानीय व्यक्ति का नाम, माता-पिता का नाम, मुखिया से संबंध, लिंग, जन्मतिथि, जन्मस्थान, राष्ट्रीयता, वर्तमान पता, निवास अवधि, शैक्षिक योग्यता, व्यवसाय आदि जानकारी ली जाएगी। 5 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को इसमें शामिल किया जायेगा।

नागरिकता क़ानून 1955 के अनुसार देश के सभी स्थानीय निवासी को एनपीआर में पंजीकरण अनिवार्य है। विदेशी व्यक्ति को भी देश के किसी हिस्से में 6 माह से अधिक निवास करने पर, उसे भी दर्ज किया जाएगा। असम को छोड़कर बाकी सभी राज्य में 1 अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक जनगणना करके एनपीआर में अपडेट किया जायेगा। इसकी शुरुआत 2010 में मनमोहन सिंह की UPA-2 की सरकार ने किया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी एनपीआर में रजिस्ट्रेशन कराया था।

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